सोमवार को आये गुजरात – हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनावों के नतीजे आने के बाद जहां देश भर में प्रतिक्रियाओं का दौर चल रहा हैं, वहीं बिहार में राजद खेमे में खामोशी छाई रही. इन चुनावों में जीत पर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को बधाई दी, वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा था कि गुजरात में रणनीति बनाने में चुक हुई है.
नौकरशाही डेस्क
इससे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने ट्विट कर कहा था कि कमल का फूल ऑल्वेज़ बनाविंग अप्रैल फूल. रहना कूल ना करना भूल, चटाना धूल. तो उनके छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एग्जिट पोल पर सवाल खड़े किये थे और कहा था कि बिहार चुनाव में एग्जिट पोल भाजपा को जितवा रहे थे लेकिन जनता ने ‘भाजपा’ को हराया और ‘मीडिया’ को भी. उन्होंने संभावना भी जताई थी कि गुजरात – हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजों में दो बातें हो सकती है. पहला ऐसे एग्जिट पोल का हश्र बिहार की तरह होगा. दूसरा ईवीएम का पर्वताकार जिन्न अपने पक्ष में करने से पहले माहौल बनाया और बनवाया जा रहा है.
मगर जब चुनाव के नतीजे सोमवार को आ गए, तब राजद कुनबे में खामोशी छा रही है. न तो लालू बोले, न तेजस्वी. हालांकि राजद के वरिष्ठ नेता ने गुजरात चुनाव को लेकर भाजपा की हालत को खराब बताया और कहा कि 2019 के चुनावों में फिर से सत्ता पर कब्जा करने का सपना देख रही भाजपा के जन विरोधी नीतियों से त्रस्त हो चुकी है.
उधर, हर चुनाव में आगे आकर प्रतिक्रिया देने वाले लालू – तेजस्वी की चुप्पी पर कहा जा रहा है कि गुजरात चुनाव में कांग्रेस की हार से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झटका लगा है. अब बिहार-झारखंड के बहुचर्चित चारा घोटाला के तीन मामलों में 23 दिसंबर को बड़ा फैसला आने वाला है. अगर लालू को कोर्ट दोषी करार देती है तो बिहार की राजनीति में इसके गहरे परिणाम तय हैं.