राज्यपाल एवं कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के प्रसार में विश्वविद्यालयों को तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है। श्री मलिक ने पटना में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन ने अपने वार्षिक बजट में विभिन्न मदों में कटौती कर दी थी, लेकिन शिक्षा के बजट में तब भी कोई कमी नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि दौलत, शोहरत, जमीन-जायदाद सबकुछ हासिल की जा सकती है, पुल-पुलिया, भवन-अट्टालिकाएं, सड़कें, कल-कारखाने सबकुछ दुबारा बनवाए जा सकते हैं, लेकिन एक पीढ़ी यदि समुचित शिक्षा के अभाव में नष्ट हो गई तो वह दुबारा नहीं तैयार की जा सकती। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की राजभवन से जो भी अपेक्षा होगी, उसे हरसंभव पूरी की जायेगी, बस हमारी अपेक्षा इस विश्वविद्यालय से यही है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार में यह विश्वविद्यालय तेजी से आगे बढ़े।
राज्यपाल ने कहा कि आज छात्रों को कौशल-विकास के साथ-साथ, सामाजिक मूल्यों एवं नैतिक उत्थान पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, तभी समाज एवं देश की तरक्की समग्र रूप से संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा, संस्कृति, खेलकूद सहित हर क्षेत्र में बेटियां लड़कों से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में भी विभिन्न पाठ्यक्रमों के परीक्षाफल में शीर्ष दस में छात्राओं का प्रतिशत 90 तक रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी छात्राओं का प्रदर्शन काफी उत्कृष्ट है।यह नारी सशक्तीकरण के लिए चलाये जा रहे विशेष कार्यक्रमों का परिणाम है।