पता चला है कि बिहार की शेखपुरा पुलिस ने अवैध शराब के कथित कारोबारी को न सिर्फ पीट कर अधमरा किया बल्कि उसके गुप्तांग में लाठी ठूस दी गई. बेहोश मुकेश पीएमसीएच में मौत से जूझ रहा है.
विनायक विजेता
इधर शेखपुरा के एसपी बाबू राम ने नौकरशाही डॉट इन को फोन पर बताया है कि पुलिस ने उसे नहीं मारा बल्कि वह पूछताछ के क्रम में बीमार हो गया. दूसरी तरफ पटना में अस्पताल में मौजूद शेखपुरा पुलिस ने मीडिया को बिल्कुल दूसरी बात बताई है.उनका कहना है कि मुकेश पेड़ से गिर पड़ा.
शेखपुरा एसपी यह भी कहते हैं कि इस मामले में कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई है.जब हमने उसे अस्पताल भेजा तो उसके शरीर पर पिटाई की एक खरोच तक नहीं थी.यह पूछे जाने पर कि क्या रास्ते में उसे पुलिस ने पीटा, बाबू राम का कहना था कि, “आप ही बतायें पुलिस एक पुराने केस के मुजरिम को क्यों मारेगी”?
उन्होंने कहा कि कल यानी 27 जनवरी को मैं पटना पहुंच कर खुद उसका बयान लूंगा.
कुछ भी हो इस मामले को पुलिस हर हाल में पर्दा डालना चाह रही है.
सूत्र बताते हैं कि शेखपुरा एसपी बाबू राम के निर्देश पर बरबीघा पुलिस ने 24 जनवरी को बरबीघा थाना के तेईपर मोहल्ले से एक पच्चीस वर्षीय युवक मुकेश उर्फ छोटू को अवैध शराब बिक्री में संलिप्तता के कथित आरोप में गिरफ्तार कर लिया. मुकेश को एसपी आवास ले जाया गया जहां उसे छोड़ने के एवज भारी राशि की मांग की गई.
जब मुकेश ने नजराना देने से मना कर दिया तो एसपी की मौजूदगी में उसकी बेरहमी से इतनी पिटाई की गई कि वह बेहोश हो गया. कहा तो यहां तक जा रहा है कि उसके गुप्तांग में भी लाठी ठूस दी गई है.
बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे थाने लाया जहां उसकी हालत सुधरने के बजाए बिगड़ती चली गई. उसकी हालत बिगड़ती देख पुलिस ने 25 जनवरी को उसे चुपके से पटना के पीएमसीएच में दाखिल कराया जहां आंत के आपरेशन के बाद भी आसीयू में भर्ती मुकेश की हालत नाजुक बनी हुई है.
उसकी हालत नाजुक देख पुलिस वालों ने उसके परिजनों को खबर दी.खबर पाकर पीएमसीएच पहुंचा मुकेश का भाई रीतेश अपने भाई की हालत देख फूट पड़ा. वह इतना डरा है कि कुछ कहने से परहेज कर रहा हा.
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