राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि भ्रष्टाचार मुद्दे पर देश की जनता गुस्से में है अगर इसे नहीं हटाया तो जनता सरकारों को हटा देगी.
गंतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार ऐसा कैंसर है, जो लोकतंत्र को कमजोर करता है. उन्होंने कहा कि भारत की जनता गुस्से में है, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी दिखाई दे रही है. अगर सरकारें इन खामियों को दूर नहीं करतीं तो मतदाता उन्हें हटा देंगे.
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर राष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पाखंड का बढ़ना भी खतरनाक है. उन्होंने कहा कि चुनाव किसी व्यक्ति को भ्रांतिपूर्ण अवधारणाओं को आजमाने की अनुमति नहीं देते हैं. जो लोग मतदाताओं का भरोसा चाहते हैं उन्हें केवल वही वादा करना चाहिए जिन्हें पूरा करना संभव है.
उन्होंने कहा कि सरकार कोई सिर्फ परोपकारी संस्था नहीं है. लोक-लुभावन नारे और उसके लिए किये जाने वाले अराजकता शासन का विकल्प नहीं हो सकते.
झूठे वादों की परिणति मोहभंग में होती है जिससे क्रोध भड़कता है और इस क्रोध का एक ही स्वाभाविक निशाना होता है सत्ताधारी वर्ग. उन्होंने कहा कि ये क्रोध केवल तभी शांत होगा जब सरकारें वो रिजल्ट देंगी जिसके लिए उन्हें चुना जाता है.