प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की वित्तीय स्थिति पर शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के साथ बैठक की जिसमें गैर-जरूरी आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने का फैसला किया गया।
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही भारी वृद्धि और रुपये की कीमत डॉलर की तुलना में रिकार्ड स्तर पर गिरने के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गयी थी। श्री जेटली ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारकों के संबंध में विस्तृत प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि कुछ विषयों पर तुरंत कार्रवाई करने की जरुरत महसूस की गयी जिनमें गैर-जरूरी आयात पर लगाम लगाना तथा निर्यात बढ़ाना शामिल है। श्री जेटली ने कहा कि इन कदमों का उद्देश्य अधिक विदेशी मुद्रा देश में लाना और चालू खाते का घाटा कम करना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका के कुछ नीतिगत फैसले लेने से डॉलर मजबूत हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं और इसका कुछ प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इसके बावजूद देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर अन्य देशों की तुलना में ज्यादा है और महंगाई काबू में है।