आज बिहार विधान परिषद का गलियारा ‘गोद की गरमाहट’ से धधकता रहा। मीडिया वाले कभी ‘पानी’ डाल रहे थे तो कभी ‘किरोसीन’। देखते-देखते लपट इतनी तेज हो गयी कि विधान परिषद का हंगामा हाशिए पर चला गया और ‘गोद की गुदगुदी’ शुरू हो गयी।
वीरेंद्र यादव
हम करीब पौने एक बजे विधान परिषद पहुंचे। वहां नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी के चैंबर में गए। पीसी चल रही थी। थोड़ी देर में पीसी समाप्त हुई और पत्रकारों से चैंबर खाली हुआ। इस दौरान हम नहीं समझ पाए थे कि किस मुद्दे पर पीसी हुई। इस बीच नेता प्रतिपक्ष एक अन्य पत्रकार को ब्रिफ कर रहे थे। उसी दौरान हम समझे कि धान की खरीद को लेकर पीसी थी। इसी क्रम में यह बात भी सामने आयी कि नीतीश कुमार को राजद व कांग्रेस के अपने गठबंधन पर पुनर्विचार करना चाहिए। फिर एक चैनल वाले आए। उन्होंने पुनर्विचार वाले मुद्दे का उठाया। अब तक पीसी की पृष्ठभूमि समझ में आ गयी थी कि भाजपा अपने पुराने साथी नीतीश कुमार को वर्तमान साथी से ‘संबंध विच्छेद’ का परामर्श दे रही है। हालांकि उसके बाद नीतीश कहां जाएंगे, इस पर भाजपा मौन साध गयी।
भाजपा के परामर्श पर भारी पड़ा राजद का बयान
सुशील मोदी के चैंबर से निकलकर हम परिषद के प्रेस के दीर्घा में गए। थोड़ी देर में हंगामे के कारण बैठक स्थगित कर दी गयी। मुख्यमंत्री का लोकेशन लेने की कोशिश में हम विधान सभा गए। फिर वहां से लौटे तो सीएम परिषद के अपने कक्ष से बाहर निकल रहे थे। परिषद के पोर्टिको में विपक्षी दलों का मजमा लगा हुआ था सो वे विधानसभा के रास्ते अण्णे मार्ग के लिए रवाना हुए। हम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के चैंबर में पहुंचे। कई विधान परिषद सदस्य भी बैठे हुए थे। इस बीच एक चैनल पर खबर चलने लगी – राबड़ी देवी का विवादास्पद बयान। इस खबर को लेकर चैंबर में बेचैनी शुरू हो गयी। राबड़ी देवी ने कहा कि हमने कोई विवादास्पद बयान दिया ही नहीं है। फिर उस चैनल के रिपोर्टर को बुलवाया गया। उन्होंने अपना पक्ष रखा और कहा कि आपने जो कहा है, वही चला है। अगर कोई और बयान देना है तो दीजिए, उसे भी चला देंगे। तब तक चैनलों की बाढ़ आ गयी। राबड़ी देवी ने बयान दिया और कहा कि जो कहा था, उसकी गलत व्याख्या की गयी। हमने जो कहा था, मजाक में कहा था। इसके बाद कई चैनल वालों ने राबड़ी देवी का बयान रिकार्ड किया। इस बीच राबड़ी देवी के नये बयान पर सुशील मोदी का बयान आ गया। नंदकिशोर यादव व श्याम रजक भी अपने बयान ऑनएयर कर चुके थे।
बयान का विवाद मजाक में बदला
आपत्तिजनक बयान से शुरू हुआ विवाद मजाक पर आकर समाप्त हो गया। लेकिन तब तक राबड़ी देवी का बयान वायरल हो चुका था। सोशल मीडिया ने राबड़ी देवी के बयान को हाथोंहाथ लिया। चैनल और अखबारों के नेट एडिशन पर राबड़ी देवी छा गयीं। इस आंधी में सुशील मोदी का नीतीश कुमार को दिया गया परामर्श हाशिए पर पहुंच गया।