राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र तथा पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को पांच अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 18 विपक्षी दलों की संसद भवन में हुई बैठक में गोपाल कृष्ण गांधी को सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया। बैठक में जनता दल (यू) ने भी हिस्सा लिया , जिसने राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया है। इस बार विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के नाम की घोषणा का इंतजार नहीं करके पहले ही अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने का फैसला किया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 विपक्षी दलों ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उनके नाम की घोषणा श्री कोविंद का नाम सामने आने की बाद हुई थी। उस समय जद (यू) का कहना था कि अगर विपक्ष के उम्मीदवार का नाम पहले सामने आ गया होता तो वह उस पर विचार करता।
श्रीमती गांधी ने सभी दलों की मौजूदगी में उम्मीदवार के रूप में श्री गांधी के नाम की घोषणा की और कहा कि उनके नाम का चयन सर्वसम्मति से किया गया है। बैठक में सिर्फ श्री गांधी के नाम पर ही चर्चा हुई और 15 मिनट के अंदर उस पर मोहर लग गयी। उनके नाम का प्रस्ताव तृणमूल कांग्रेस ने किया था। इसके बाद श्री गांधी को इस फैसले से अवगत कराया गया और उनकी सहमति ली गयी। राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए भी श्री गांधी का नाम का चर्चा में था।