झारखंड के जामताड़ा में वीएचपी के गौ आतंकियों और दारोगा हरीश पाठक द्वारा पीट-पीट कर मार दिये गये 26 वर्षीय मिहाज अंसारी को इंसाफ दिलाने के लिए आम नागरिकों ने शनिवार को धरना दिया. इस अवसर पर मिहाज की पत्नी मोहीदा बेगम और उनकी आठ महीने की बेटी भी शामिल हुए.
गौरतलब है कि पिछले दिनों झारखंड के जामताड़ा में नारायणपुर थाने के थानाध्यक्ष हरीश पाठक ने मिनहाज अंसारी को गिरफ्तार किया था. मिनहाज को एक वाट्सएप मैसेज के मामले मांस की तस्वीर भेजने पर गिरफ्तार किया गया और हिरासत में डाला गया. और हिरासत में ही मिनहाज की मौत हो गयी. पुलिस प्रशासन ने इस मामले में पहले झूठ फैलाया कि मिनहाज की मौत बीमारी से हुई. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात खुल कर सामने आ गयी कि यह मौत बुरी तरहर पिटाई के कारण हुई थी.
इस मामले में वीएचपी के नेता सोनू सिंह ने हरीश पाठक पर जोर डाल कर मिनहाज को गिरफ्तार करवाया. धरनार्थियों ने आोप लगाया है कि सोनू सिंह के नेतृत्व में वीएचपी के गुंडों ने पुलिस के साथ मिल कर मिनहाज को इतना मारा कि उनकी पसली की हड्डी टूट गयी और हिरासत में ही मौत हो गयी. इस धरने में मांग की गयी कि थानेदार हरीष पाठक, वीएचपी के सोनू सिंह और थानेदार के ड्राइवर वासुदेव राय व मधुसूदन यादव के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाये.
इसी से जुड़ी- झारखंड उन्मादियों का गढ़ बनता जा रहा है
.इस मामले में आरोपी दारोगा हरीश पाठक को ससपेंड कर दिया गया है. शनिवार को अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों .ने झारखंड की रघुबर दास सरकार के खिलाफ. जम कर नारेबाजी की गयी. वक्ताओं ने मिनहाज अंसारी के कातिलों को मौत की सजा देने की मांग कर रहे थे. जबकि मिनहाज अंसारी की पत्नी मोहीदा को सरकारी नौकरी के अलावा उन्हें और उनके परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गयी.
धरने में विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए. इन में लखन लाल मंडल(संचालन कर्ता), सीपाईआईएण, अब्दुल मन्नान अंसारी,-झाविमो, मोहन मंडल- डीवाईएफआई,सुचित मांझी, सीपीआआईएणण, सुनील हंसदा- जिला परिषद सदस्य, मंसूर आलम- राजद, श्याम लाल मिरधा- माले-. प्रकाश विप्लवई- सीपीएम के अलावा, फरह शाकेब व शकील सिद्दीकी समेत अने लोगों ने अपनी बात रखी.
इस अवसर पर वक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रघुवर सरकार को आतताइयों का सरकार बताते हुए आरोप लगाया गया कि ये सरकारें अडानी और अम्बानी के पैसों से चुन कर आयी है. जो आम लोगों के खून की प्यासी है. वक्ताओं ने आरोप लगया कि मिनहाज अंसारी की हत्या के पहले भी झारखंड में दो अल्पसंख्यक युवाओं को पेड़ पर लटका कर हत्या कर दी गयी थी लेकिन उनके हत्यारों को अभी तक सजा नहीं मिली.