जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने कहा है कि मजहबी रहनुमाओ ने मुसलमानों को नीडर बनाने के बजाये डरपोक और कायर बना कर खुद भी सो गये हैं और मुस्लिम समाज को भी असंवेदनशील बना चुके हैं.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से सेक्युलर राजनीति करने वाली पार्टियों ने साम्प्रदायिकता के भूत से मुसलमानों को डराया. और जब भी चुनाव का वक्त आता है वे साम्प्रदायिकता का जिन्न बोतल से निकाल कर डराते हैं और कहते हैं कि हमें वोट नहीं दोगे तो यह जिन्न तुम्हें निगल जायेगा. इसका नतीजा यह होता रहा है कि डरे हुए मुसलमान उन्हें वोट करते रहे और वे सत्ता का सुख भोगते रहे. अशफाक रहमान ने कहा कि सेक्युलरिज्म की सियासत करने वाली पार्टियों के इस रवैये का लाभ संघ परिवार भी खूब उठाया और मुसलमानों को अपना खौफ दिखा कर बहुसंख्य समाज को गोलबंद कर वोट लेता रहा. उन्होंने कहा कि इन संगठनों का दिल इससे भी नहीं भरा तो अब मुसलमानों को मोब लिंचिंग( भीड़ द्वारा कत्ल) करवाने के खेल पर उतर आये. उन्होंन आरोप लगाया कि मोब लिंचिंग के इस खेल में सभी दलों की मिली भगत है.
मोब लिंचिंग पर क्यों चुप रहते हैं पीएम
अशफाक रहमान ने सवाल उठाया कि आखिर क्या वजह है कि मोब लिंचिंग के खिलाफ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जुबान नहीं खोलते और न ही सेक्युलर कहे जाने वाले नेता इस मामले पर एक शब्द बोलते हैं. उन्होंने इस बात पर गंभीर चिंता जताई कि इस मामले में हमारे मजहबी रहनुमा भी इस मामले में चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारे रहनुमा ऐसे गंभीर मामले में असंवेदनशील बने रहेंगे तो इस मुस्लिम समाज की ऐसी दुर्गति होती रहेगी.
अशफाक रहमान ने कहा कि आज गाय के नम पर मुसलमानों को घरों, ट्रेनों और मस्जिदों से खीच कर जानवरों की तरह जबह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हद तो यह है कि ऐसे कत्ल का शिकार आम मुसलमान के साथ हाफिज ए कुरान भी बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस खेल में तमाम दल के नेता मजे ले रहे हैं और मुसलमानों को सियासी जानवर बना डाला गया है.
मौला से डरें, मोदी से नहीं
अशफाक रहमान ने मुसलमानों से अपील की कि ऐसे गंभीर मामले में हमारे अपने रहनुमा व देश का सियासी तंत्र जब हमारी मदद को नहीं आ रहा है तो हमें अपनी ईमानी ताकत पर भरोसा करना होगा . उन्होंने कहा कि आज मुसलमान अपने मौला की जगह मोदी से डरा हुआ है जबकि हकीकत यह है कि जब तक हमारा मौला नहीं चाहेगा तब तक हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा. उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा और इस बात पर अपना ईमान पुख्ता करना होगा कि कोई मोदी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि मौत और जिंदगी जमानत तो अल्लाह के पास है. लेकिन अफसोस की बात यह है कि हम मानसिक तौर पर मफलूज हो गये हैं.,
अशफाक रहमान ने अपने बयान में कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हमें मुसलमानों को इस मानसिक स्थिति से बाहर निकालना होगा वरना हम मानसिक रूप से मुदा हो जायेंगे. उन्होंन कहा कि अदालत से ले कर मीडिया तक और सेक्युलर लीडरों से ले कर हमारे मजहबी लीडरों तक सबके सब गौआतंकियों के सामने घुटने टेक चुके हैं. उन्होंने कहा कि मोब लिंचिंग मुसलमानों से ज्यादा देश की समस्या है. इस लिए हमें अपनी लीडरशिप में मिल जुल कर सियासी लड़ाई लडनी होगी.