राष्ट्रीय जनता दल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को बंद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने पटना में कहा कि सड़कों के विकास के बिना गांवों का विकास असंभव है। भारत गांवों का देश है इसलिए वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरूआत की थी।
श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सौ प्रतिशत राशि देने के बदले अब 60 प्रतिशत केन्द्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार खर्च वहन करने वाली योजना में बदल दिया है । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की इस नवीनतम नीति से यह योजना मृतप्राय: हो जायेगी, क्योंकि देश के अधिक राज्य सरकारों के पास पहले से ही वित्तीय संकट है ।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में कुल सड़कों की लंबाई करीब 33 लाख किलोमीटर है जिसमें ग्रामीण सड़कों की लम्बाई 26 लाख किलोमीटर होगी । उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सड़कों में निवेश से सात गुना विकास में वृद्धि होती है और सड़कों में एक करोड़ रूपये के निवेश से वहां 1600 परिवार गरीबी रेखा से ऊपर आते है। एक तरफ तो केन्द्र विकास की बात करती है लेकिन विकास के लिए सर्वाधिक जरूरी सड़कों ख़ासकर ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण को पूरी तरह खत्म करना चाहती है। वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान केन्द्र प्रायोजित 17 योजनाओं में पहले से निर्धारित 75 प्रतिशत केन्द्रांश में भी भारी कटौती करते हुए इसे 60 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है जिससे राज्यों में अतिरिक्त बोझ बढ़ना तय है।