घोड़ासहन व कानपुर रेल हादसे में एनआइए की टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू कर दिया है। एनआइए आइजी की नेतृत्व वाली टीम एफएसएल एक्सपर्ट के साथ मोतिहारी पहुंची। सर्किट हाउस में स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ गोपनीय बैठक के बाद शाम करीब तीन बजे घोड़ासहन के लिए रवाना हो गयी। वे अपने साथ गिरफ्तार आइएसआइ एजेंट उमाशंकर पटेल को लेकर आये हैं। एनआइए व एफएसएल की टीम रेल हादसे में फरार चल रहे वांटेड गजेंद्र शर्मा के घोड़ासहन प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित स्टूडियो पहुंची। उसके बंद स्टूडियों को खोला। उसके बाद स्टूडियो से लेकर परिसर के आगे-पीछे खाली जगहों की सूक्ष्मता से जांच-पड़ताल की।
एनआइए के साथ पहुंची एफएसएल की टीम को संदिग्ध गजेंद्र शर्मा के स्टूडियो से कुछ समान मिले हैं। जांच के लिए समान को जब्त कर स्टूडियो को सील कर दिया गया है। इन तमाम कार्रवाई के तहत जांच अधिकारियों ने स्टूडियो के मकान मालिक चंद्रिका सिंह से भी आवश्यक पूछताछ की। उनसे पूछा कि गजेंद्र शर्मा ने किराये पर मकान कब लिया। उसकी गतिविधि कैसी थी।एफएसएल एक्सपर्ट को ने बताया उन्हें बताया कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में गजेंद्र शर्मा ने स्टूडियो खोलने के लिए 15 सौ के महीने पर दो कमरा भाड़े पर लिया था। तीन-चार महीने पर किराया देता था। मकान मालिक से तमाम बिंदुओं पर पूछताछ के बाद एनआइए के अधिकारी थाना में पहुंचे। सूत्र बताते है कि उमाशंकर को लेकर एनआइए की टीम घोड़ासहन रेलवे ट्रैक जहां से आइइडी बरामद हुआ था, वहां जाकर भी घटना स्थल की फिर से जांच-पड़ताल की।
फिलहाल एनआइए के अधिकारियों के साथ स्थानीय पुलिस व रेल पुलिस के अधिकारी घोड़ासहन में कैंप किये है। गिरफ्तार उमाशंकर पटेल को गुप्त जगह पर रख पूछताछ चल रही है। बताते चले कि संदिग्ध उमाशंकर पटेल, मोती पासवान व मुकेश यादव को एनआइए कोर्ट पटना से 11 दिनों के रिमांड पर लिया गया है।