बिहार के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने आज कहा कि कोई भी देश चरित्रवान और कौशलयुक्त नागरिकों के बल पर ही सशक्त बनता है। श्री मलिक ने राजधानी के होटल मौर्या में बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रतिकुलपतियों, कुलसचिवों एवं संकायाध्यक्षों की ‘‘व्यावसायिक शिक्षा – चुनौतियाँ एवं रणनीति’’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी देश चरित्रवान और कौशलयुक्त नागरिकों के बल पर ही सशक्त बनता है। कौशलयुक्त युवा किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी पूंजी होते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में 65 फीसदी आबादी युवाओं की है, जिन्हें अगर हुनरमंद बना दिया जाता है तो भारत एक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के रूप में पुनः पूरी दुनियाँ में अपनी पहचान बना लेगा। राज्यपाल ने कहा कि आज विश्व बाजार और औद्योगिक क्षेत्र में भी निरंतर रोजगार के अवसर कमते जा रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि युवा अपना कौशल विकसित कर स्वयं रोजगार का सृजन करें। उन्होंने कहा कि आज ऐसे रोजगार-प्रदाता युवाओं की जरूरत है, जो देश की अधिकतर आबादी को विभिन्न प्रकार के रोजगार सुलभ कराने की क्षमता रखते हों।
श्री मलिक ने कहा कि पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक समय और समाज की जरूरतों के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को विकसित करने की जरूरत है। व्यावसायिक शिक्षा को पाठ्यक्रमों में शामिल करते हुए स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखा जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर गलत तौर-तरीके अख्तियार करने की भी छूट नहीं दी जा सकती।