विधान सभा के नेता नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव यानी चाचा-भतीजा करीब 5 मिनट साथ-साथ बैठे। आपस में अभिवादन भी हुआ, लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ पायी। थोड़ी देर में नीतीश विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को अभिवादन कर चैंबर से बाहर निकल गये। इसके बाद तेजस्वी थोड़ा आगे बढ़कर स्पीकर के पास की कुर्सी पर बैठे, लेकिन नीतीश की कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया।
‘वार्ता मंच’ पर अभिवादन से आगे नहीं बढ़ पाये नीतीश व तेजस्वी
बिहार विधान मंडल से वीरेंद्र यादव
मॉनसून सत्र के पहले दिन सुबह करीब 10.20 बजे हम विधान मंडल परिसर में पहुंचे तो लगा हाथ से एक खबर निकल गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला विधान सभा पोर्टिको में पहुंचा। सीएम कार से उतर कर स्पीकर के चैंबर में पहुंच गये। अब स्पीकर के चैंबर में पहुंचना मुश्किल हो गया। लेकिन खबर तो चैंबर से बनानी थी। चैंबर में जाने के दो ही मौके थे। तेजस्वी यादव या सुशील मोदी के लिए दरवाजा खुले, तब अंदर सरक लें। हुआ भी यही। थोड़ी देर में तेजस्वी आये और उनके साथ हम अंदर पहुंच गये। मुख्यमंत्री स्पीकर के बगल की कुर्सी पर बैठे थे। तेजस्वी तेजी से आगे बढ़े और स्पीकर का अभिवादन किया। इसके बाद स्पीकर के बगल की कुर्सी पर बैठे मुख्यमंत्री को अभिवादन किया और उनके बगल की कुर्सी पर बैठ गये। दोनों करीब 5 मिनट तक साथ-साथ बैठे, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। इस बीच स्पीकर नयी बिल्डिंग की व्यवस्था को लेकर चर्चा करते रहे। लाइब्रेरी की व्यवस्था को लेकर चर्चा करते रहे। तेजस्वी मौन ही रहे। इसी चर्चा के बीच नीतीश स्पीकर को अभिवादन कर चैंबर से निकल लिये।
इसके बाद तेजस्वी स्पीकर के करीब आने के लिए अपनी कुर्सी से उठे। स्पीकर ने उनसे सीएम की खाली कुर्सी पर बैठने का आग्रह किया। लेकिन तेजस्वी ने स्पीकर के आग्रह को अस्वीकार करते हुए टेबुल से लगी दूसरी कुर्सी पर बैठे । उनके बगल में भाजपा नेता नंद किशोर यादव पहले से बैठे थे, लेकिन दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। हालांकि स्पीकर नयी बिल्डिंग की चर्चा को आगे बढ़ाते रहे। इस बीच राजद के भाई वीरेंद्र विधायकों के वेतन व भत्ते बढ़ाने की मांग दुहराते रहे।
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स्पीकर ने उर्दू लफ्जों का खूब किया इस्तेमाल
स्पीकर चैंबर से निकलकर हम दोनों सदनों की लॉबी और दरबारों का ‘चक्कर’ मारते हुए विधान सभा के प्रेस दीर्घा में पहुंचे। सदन में सदस्य जगह ग्रहण कर चुके थे। स्पीकर विजय कुमार चौधरी के सदन में आगमन के साथ कार्यवाही शुरू हुई। स्पीकर ने अपने प्रारंभिक संबोधन को उर्दू में ही पढ़ा। इस दौरान तालियां भी खूब बजीं। कांग्रेस के एक सदस्य ने नारा भी लगाया। 22 पंक्तियों का उनका प्रारंभिक संबोधन पूरा का पूरा उर्दू में रहा, जिसकी कॉपी देवनागरी में बांटी गयी।
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ससुर-दामाद के बीच में आ गये सिद्दीकी
लालू यादव के बड़े पुत्र और विधायक तेज प्रताप यादव और उनके ससुर चंद्रिका राय दोनों सदन के सदस्य हैं। अपोजिशन बैंच पर तेजस्वी यादव के बाद तेजप्रताप यादव और उनके बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अब्दुलबारी सिद्दीकी के बैठने की व्यवस्था है। सिद्दीकी के बाद पूर्व मंत्री चंद्रिका राय के बैठने की व्यवस्था है। कार्यवाही की शुरुआत में सिद्दीकी नहीं पहुंच पाये थे। इस कारण सिटिंग व्यवस्था के अनुसार तेज प्रताप के बगल में उनके ससुर चंद्रिका राय बैठे हुए थे। इस बीच अब्दुल बारी सिद्दीकी के आने के बाद तेजस्वी ने बैंच से निकलकर उनको रास्ता दिया। सिद्दीकी अपनी निर्धारित जगह पर ससुर व दामाद के बीच आकर बैठ गये।
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राबड़ी देवी के बाद रामचंद्र पूर्वे को मिली जगह
नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी विधान परिषद की कार्यवाही में हिस्सा लेने आज नहीं पहुंची। सदन के अपोजिशन बैंच पर राबड़ी देवी के बाद पूर्व मंत्री व सदन के नवनिर्वाचित सदस्य रामचंद्र पूर्वे के बैठने की व्यवस्था की गयी है। उनके बाद राजद के मुख्य सचेतक सुबोध राय के बैठने की व्यवस्था है।
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उपमुख्यमंत्री मोदी का दरबार भी जमा
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के विधान परिषद के स्थित कक्ष में भी दरबार जमा। उनके साथ मंत्री विनोद नारायण झा समेत कई विधान पार्षद मौजूद थे। परिषद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा को सुन रहे थे। इस बीच सुशील मोदी ने बताया कि भाजपा व जदयू विधायक दल की संयुक्त बैठक भी हो सकती है, हालांकि अभी समय निर्धारित नहीं है। उधर तेजस्वी यादव भी विधायकों के साथ बैठक में व्यस्त रहे। मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचकर कर हमने कुर्सी पर कब्जा ही जमाया था कि उनका दरबार ‘उखड़’ गया।