पीएम नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का सोशल मीडिया पर दिल की बात से करारा जवाब देने वाले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अब मोदी के चाय वाला आदमी पर हल्ला बोल दिया है.
तेजस्वी ने एक ऐसे चाय वाले को खोज निकाला है जो पिछले तीन दशक से निस्वार्थ राजद के सिपाही बने चाय बेचते हैं. इतना ही नहीं तेजस्वी इस चाय वाले मंगल यादव को अपनी गाड़ी में बिठा कर विधान सभा ले गये और विधान मंडल की
कार्रवाही देखने की उकी हसरत पूरी की. इस अवसर पर तेजस्वी ने कहा कि राजद मंगल यादव जैसे हजारों समर्थकों के ऋण के आगे नतमस्तक है.
मंगल यादव मूल रूप से मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. 30 वर्षों से कटिहार में चाय बेचकर गुजर-बसर करते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान इनकी चाय की गुमटी काफी चर्चित हुई थी. वह दिन रात चाय की दुकान पर सामाजिक न्याय की राजनीति को परवान चढ़ाते रहे. मंगल की राजनीतिक दृष्टि से तेजस्वी यादव तब प्रभावित हुए थे जब उनके बारे में एक पत्रिका में खबर छपी थी.उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जी को भगवान मानने वाले मंगल पर स्टोरी छपी तो पार्टी का भी ध्यान उनकी ओर गया.
मोदी के मन की बात पर भी किया था प्रहार
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोई कोशिश नहीं छोड़ते. तेजस्वी ने इससे पहले पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का करारा जवाब देते हुए फेसबुक पर दिल की बात की सीरीज शुरू की थी. जिसमें वह जनता के समक्ष दिल की बात दिल से कहते हैं. इस सीरीज में वह नरेंद्र मोदी के मन की बात पर प्रहार करने से भी नहीं चूकते. लेकिन अबकि बार उन्होंने श्री मोदी द्वारा बार-बार यह दोहराने कि वह चाय बेचने वाले हैं और पीएम बन गये.
एक तीर से दो निशाना
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी ने मंगल यादव के बहाने एक तीर से दो निशाना लगा दिया है. तेजस्वी के मीडिया सलाहकार संजय यादव कहते हैं कि मोदी जी ने कभी चाय बेची या नहीं इसका कोई प्रमाण प्रधान मंत्री कार्यालय या गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय के पास उपलब्ध नहीं है.ऐसे में उनके दावे का कोई सुबूत नहीं है. लेकिन हमारी पार्टी के समर्थक गांव की पगडंडियों पर जीवन बसर करने वाले भी हैं और चाय बेचने वाले भी. संजय ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने एक चाय बेचने वाले को सम्मान दे कर पीएम मोदी को करारा जवाब दिया है जो खुद को चाय बेचने वाला होने का दावा करते हैं.
उधर उपमुख्यमंत्री ने मंगल यादव के पार्टी के प्रति समर्पण की प्रशंसा करते हुए वैसे लोगों को भी चेतावनी दी है जो पार्टी में रह कर सिर्फ पद की लालसा पालते हैं. तेजस्वी ने कहा “एक ओर दल बदलू नेता होते हैं जो लाभ हानि देख विचारधारा की तिलांजली दे यहाँ वहां भटकते रहते हैं, तो दूसरी ओर मंगल यादव जैसे समर्थक होते हैं जो अपने ‘नेता’ को बस आगे बढ़ते देखते रहना चाहते हैं”.