जयपुर की कांग्रेस चिंतन शिविर में गहलोत सरकार ने 16 आईएएस,24 आईपीएस और 3550 सरकारी कर्मियों को झोंक दिया है जो जनता का काम छोड़ कर नेताओं की आवभगत में जुटे हैं.

अनुमान है कि इस पर जनता की गाढ़ी कमाई का प्रति दिन 75 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं.

नौकरशाही डॉट इन को पता चला है कि तीन दिनों तक चलने वाले इस चिंतन शिविर पर आईएएस, आईपीएस और राजकर्मियों के वेतन और अन्य भत्ते पर जनता की कमाई का कम से कम 2 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च हो जायेंगे.इन तीनों में जनता का कोई काम नौकरशाही का ये अमला नहीं कर रहा है.

यह चिंतन शिविर न तो राज्य सरकार ने आयोजित किया है और न ही केंद्र सरकार ने इसके बावजूद राज्य के संसाधनों का बड़े पैमाने पर कांग्रे पार्टी के लिए इस्तेमाल करना हैरत में डालने वाला है.
यह शिविर 18 से 20 जनवरी तक आयोजित हो रहा है.

खबर है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ओशोक गहलोत खुद नौकरशाहों की फौज को मॉनिटर करने में जुटे हैं.ऐसे में किसी भी नौकरशाह का पूरे तन्मयता से इस काम में लग जाना, जाहिरी तौर पर लाजिमी है.

पैसा जनता को मौज कांग्रस का

हालत यह है कि एक-एक केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और लेजिसलेटिव पार्टी के नेता के नेता पर एक आईएएस या आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया है.जो इनके ठहरने, आने जाने,खाने-पीने से लेकर सोने बैठने तक का ख्याल-बात रखने में लगे हैं.

हालांकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजभवन के अतिथि बने हैं पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एक ही होटल राजमहल पैलेस में ठहराया गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस शिविर के आयोजन का निजी लाभ लेने में भी नहीं चूक रहे हैं. उन्होंने तमाम ब्रउशर पर, जो आगंतुकों को दिया जा रहा है उसमें अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया है.

By Editor


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