आगामी लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों के साथ चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए दो दिन के सम्मेलन का आयोजन किया था। इस दौरान मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने , इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन और वी वीपैट मशीनों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने निर्वाचन अधिकारियों को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पुनरीक्षण के बाद अंतिम रूप से तैयार की गयी मतदाता सूची का ही इन चुनावों में इस्तेमाल किया जायेगा। इसलिए सूचियों को तैयार करने में सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस दौरान ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं का नाम सूची में शामिल करने की कोशिश की जानी चाहिए। आयोग की हेल्पलाइन 1950 के महत्व पर भी चर्चा की गयी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस हेल्पलाइन की प्रणाली को पूरी तरह दुरूस्त रखने के प्रयास किये जाने चाहिए।
उन्होंने सभी मतदान केन्द्रों पर पर जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के बारे में आयोग की वचनबद्धता दोहरायी। साथ ही निर्वाचन अधिकारियों से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जरूरत का आकलन करने के लिए भी कहा गया।