वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सभी मतदान केन्द्रों में शत-प्रतिशत आपूर्ति के लिए वीवीपीएटी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से आयोग ने मई, 2017 में 16.15 लाख वीवीपीएटी का ऑर्डर दिया है, जिनका निर्माण पीएसयू निर्माताओं यथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), बेंगलुरू और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल), हैदराबाद द्वारा किया जाएगा. इसकी डिलिवरी नवंबर, 2018 के आखिर से पहले ही यानी चुनाव पूर्व तैयारियों के लिए आवश्यक समयसीमा के भीतर ही कर दी जाएगी. ये जानकारी पीआईबी द्वारा दी गई है.
नौकरशाही डेस्क
आयोग ने कहा कि वैसे तो समस्त आवश्यक ईवीएम की डिलीवरी 30 सितंबर, 2018 तक कर दी जाएगी, लेकिन वीवीपीएटी की डिलीवरी में देरी होती है क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम पर गठित तकनीकी विशेषज्ञ समिति आरंभिक खेपों में तकनीकी स्थिरता से जुड़े मुद्दों का विश्लेषण करती है. तदनुसार डिजाइन में आवश्यक सुधारों को शामिल किया जाता है. इसके बावजूद आयोग की ओर से सभी उत्पादन इकाइयों के व्यक्तिगत दौरों सहित उच्चतम स्तर पर निरंतर निगरानी जारी रहने के परिणामस्वरूप सभी वीवीपीएटी की भी डिलीवरी की जायेगी. अब तक 5.88 लाख यूनिटों यानी वीवीपीएटी का उत्पादन पीएसयू द्वारा किया जा चुका है (बीईएल द्वारा 4.36 लाख वीवीपीएटी का और ईसीआईएल द्वारा 1.52 लाख वीवीपीएटी का), जो आपूर्ति की जाने वाली कुल मात्रा का 36 प्रतिशत है.
गौरतलब है कि भारतीय निर्वाचन आयोग को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से लेकर 329 के तहत कानून के अनुसार चुनावों के संचालन के लिए इनकी देख-रेख, निर्देश एवं नियंत्रण प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. इसमें किसी भी तरह की अटकलबाजी या बहस में पड़ने की गुंजाइश नहीं रहती है. आयोग सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों और तकनीकी विशेषज्ञ समिति के साथ समय-समय पर लगातार वीवीपीएटी के उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करता रहा है ताकि ईवीएम और वीवीपीएटी की सभी इकाइयों के डिजायन, उत्पादन और आपूर्ति का सुव्यवस्थि होना और टीईसी द्वारा सुझाए गए फीचरों को शामिल करने के बाद उत्पादन का समय-बद्ध तरीके से पूरा करना सुनिश्चित किया जा सके.
मालूम हो कि पिछले बीस वर्षों में निर्वाचन आयोग ने ईवीएम का इस्तेमाल करते हुए 113 राज्य विधानसभा चुनाव और 3 लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक कराए हैं. आयोग ने जून, 2017 से राज्य विधानसभाओं के चुनाव एवं उप-चुनाव और लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ-साथ वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया है. आयोग भविष्य के सभी चुनावों में वीवीपीएटी के इस्तेमाल से चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है.