चुनावों के ठीक पहले राजस्थान के मुख्यसचिव लम्बी छुट्टी पर क्यों चले गये हैं जबकि चुनाव में वह बड़ी जिम्मेदारी निभा सकते थे?
राजस्थान विधानसभा का चुनाव 1 दिसम्बर को होना है. पर मुख्यसचिव सीके मैथ्यु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दो महीने की छुट्टी मांगने पर अड़ गये और आखिरकार उनकी छुट्टी का आवेदन स्वीकार भी कर लिया गया है.
मामला
मामला कुछ यू है कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने आईएएस अधिकारी पर आरोप लगाया था कि वह गहलोत सरकार के प्रति पक्षपातपूर्ण काम कर रहे हैं. भाजपा के इस आरोप के बाद मैथ्यु ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक छुट्टी मांगी थी. गहलोत सरकार ने उन्हें दो महीने की छुट्टी दे दी.
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें छुट्टी नहीं देने का मन बनाया था पर मैथ्यु अपनी छुट्टी पर अड़ गये जिसके बाद गहलोत सरकार ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया.
मालूम हो कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिल कर मैथ्यु के काम के तरीकों पर प्रश्न उठाया था.
बताया जाता है कि भाजपा के आरोप को मैथ्यु ने काफी गंभीरता से लिया और उन्होंने गहलोत सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा कि वह 1977 से पूरी प्रतिबद्धता से काम करते रहे हैं.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि वह सरकार की पालिसियों को लागू करने का पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास करते रहे हैं लेकिन इस अवधि में कभी किसी ने उनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया. ऐसे में अगर कोई उन पर आरोप लगाता है तो उनके सामने इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं कि वह चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक अलग हो जायें.
इस बीच चुनाव आयोग किसी अन्य अधिकारी को कार्यवाहक मुख्यसचिव नियुक्त करने पर विचार कर रहा है.