भारतीय जनता पार्टी के दोहरे चरित्र पर तथ्यो और सुबूतों के सहारे नवल शर्मा बता रहे हैं कि कैसे इसने नैतिकता और अनैतिकता के बीच की दीवार को सत्ता के लिए ताक पर रख दिया हैbjp

कभी रामविलास जी ने बीजेपी का बड़ा सुन्दर नामकरण किया था जो कालजयी हो चुका है ‘’भारत जलाओ पार्टी ‘’ . ज्यों – ज्यों बिहार का चुनाव नजदीक आ रहा है अनुशासन और शालीनता के भगवे लबादे के भीतर का कीड़ा बजबजाते हुए बाहर निकल रहा है.

यह भाी पढ़ोॆ- खाकी लिबास का सत्य

कभी धर्मान्तरण के रूप में कभी लव जिहाद के रूप में तो कभी दंगे के रूप में . जब तक बीजेपी साथ थी , शायद ही कभी सुना गया हो कि किसी मंदिर में किसी ने गाय का मांस फेंक दिया हो ( हालाँकि बिहार में गौ मांस का सबसे बड़ा व्यापारी आरएसएस की एक बड़ी शख्सियत हैं ) . धन्य है बिहार सरकार का प्रशासकीय पुरुषार्थ कि इन्हें मनमानी करने की आजादी नहीं मिल पा रही .
आजकल बीजेपी के नेता उत्साह के अतिरेक में प्रायः कहते मिल जायेंगे —-‘ झारखण्ड के बाद अबकी बारी बिहार की ‘—लगता है जैसे बिहार को धमकी दे रहे हों . अगर अभी तक महाराष्ट्र , जम्मू कश्मीर और झारखण्ड के चुनावी परिणाम को देखें तो बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा कारण रहा –विपक्ष का बिखरा होना . जबकि बिहार में उनका पाला ठोस जमीनी और सामाजिक आधार पर निर्मित चट्टानी विपक्ष से होने जा रहा है . नीतीश कुमार जी जैसे पारदर्शी और विजनरी चेहरे को सामुहिक नेतृत्व का फंडा कहाँ तक चुनौती दे पायेगा , यह सहज अनुमेय है.

दूसरी बात , इन तीनों राज्यों में बीजेपी ने नीति और सिद्धांत की जैसी बखिया उधेडी , वह भी एक बड़ा इंटरेस्टिंग विषय है . महाराष्ट्र में चुनाव के समय एनसीपी और शिव सेना को इन्होने क्या नहीं कहा —हफ्तावसूल पार्टी , भ्रष्ट पार्टी , गन्दी पार्टी और देखिये अब उसी भ्रष्ट पार्टी के साथ मिलकर राजसुख भोग रहे हैं . जम्मू कश्मीर में गला फाड़ – फाड़ कर चिल्लाया —-बाप – बेटे और बाप –बेटी की सरकार ने कश्मीर को बर्बाद कर दिया और सरकार बनाने के लिए दोनों के दरवाजे पर सर झुका कर गिड़गिड़ा रहे हैं. इसी तरह झारखण्ड में भी बाप – बेटे की सरकार पर खूब शोर मचाया , इस शर्मनाक हकीकत के बावजूद कि उसी बाप – बेटे की पार्टी से मिलकर पहले भी वो दो – दो बार सरकार बना चुके हैं .

बिहार में भी शोर कर रहे हैं –जंगलराज , जंगलराज पार्ट टू वगेरह . चुनाव पूर्व और चुनाव के बाद नैतिकता का ऐसा अंतर कहीं और नहीं मिलेगा .
आजकल बड़े सुनियोजित तरीके से बिहार में धर्मान्तरण की आड़ में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास किया जा रहा है . ऐसा दिखाया जा रहा है मानों अगर ये न रहे तो हिन्दू धर्म ही ख़त्म हो जायेगा . धर्मान्तरण पर कानून बनाने की आड़ में बीजेपी खुद को हिन्दुओं का एकमात्र प्रतिनिधि साबित करने और अन्य पार्टियों को हाशिये पर धकेलने पर तुली है .

आजादी की पूरी लड़ाई में हिन्दू महासभा और आरएसएस जैसे मजहबी संगठन इस बात की माँग करते करते थक गए कि हिन्दुओं के असली हितैषी वही हैं ,पर गाँधी जी ने उनकी विभाजनकारी राजनीति को कभी सफल नहीं होने दिया. अयोध्या की गलियां आज भी सिसक रही हैं , राम रो रहे हैं पर धर्म के ये ठेकेदार मंदिर निर्माण के नाम पर वसूले गए पैसों से निर्मित महल में पंचेन्द्रिय भोग में मगन हैं .


naval.newनवल शर्मा एक राजनीतिक कार्यकर्ता से ज्यादा राजनीतिक चिंतक के रूप में जाने जाते हैं. अपने मौलिक और बेबाक विचारों, टिपपणियों के लिए मशहूर नवल शर्मा अकसर न्यूज चैनलों पर बहस करते हुए दिख जाते हैं.  वह जनता दल यू के प्रदेश प्रवक्ता रह चुके हैं. उनसे  [email protected] पर सम्पर्क किया जा सकता है.

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427