बिहार में प्रशासनिक पदाधिकारी जहां चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं वहीं उनके लिए साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की भी है, प्रशासन को खबर मिली है कि चुनाव के दौरान रामनवमी पर माहौल बिगाड़ा जा सकता है.
चुनावी मौसम में प्रशासन को इस बात की भी भनक लगी है कि रामनवमी में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ कर वोटों के ध्रवीकरण की कोशिश हो सकती है. इन बातों के मद्देनजर मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा और डीजीपी अभयानंम ने ने तमाम जिलों के अधिकारियों को सतर्क और संवेदनशील रहने को कहा है.
मुख्य सचिव ने कहा है कि पुलिस ने पुलिस ने ऐसे दो लाख लोगों को चिह्न्ति किया है, जो चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं.
रामनवमी पर सतर्कता
मुख्य सचिव एके सिन्हा ने बताया कि 2315 लाइसेंसी हथियारों को पुलिस ने जमा कराया, जबकि 1985 को जब्त किया गया है. 105 कुख्यात अपराधियों को अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. एक हजार को जिला बदर किया गया है. उन्हें पुलिस द्वारा चिह्न्ति थानों में प्रति दिन हाजिरी देनी होगी.
उन्होंने कहा कि रामनवमी का त्योहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. आठ अप्रैल को रामनवमी है और 10 अप्रैल को प्रथम चरण का मतदान है. प्रथम चरण वाले संसदीय क्षेत्र में रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. सरकार को ऐसी आशंका है कि रामनवमी के दौरान उपद्रवी तत्व सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ सकते हैं. इसके लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. नक्सल प्रभावित इलाकों में शांतिपूर्ण चुनाव कराना बड़ी चुनौती है.