चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव सुधार के लिए देश के सभी राजनीतिक दलों की बैठक 27 अगस्त को बुलाई है। आयोग ने इस बैठक के लिए सात पंजीकृत राष्ट्रीय दलों और 51 क्षेत्रीय दलों को आमंत्रित किया है।
बैठक में आगामी चुनावों के मद्देनज़र मतदाता सूचियों की पारदर्शिता, राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च को सीमित करने तथा खर्च की ऑडिट रिपोर्ट निर्धारित समय पर पेश करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। चुनाव आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में चुनाव के 48 घंटे के भीतर सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार के मुद्दे पर भी विचार होगा। इसके अलावा जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 एक बी के तहत प्रिंट मीडिया को भी इसके दायरे में रखने के मुद्दे पर भी विचार होगा।
बैठक में पोस्टल वोट को इलेक्ट्रोनिक प्रणाली से भेजने के बारे में राजनीतिक दलों की राय पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा विकलांग मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान प्रक्रिया में शामिल किये जाने के बारे में राजनीतिक दलों की राय भी जानी जायेगी। जो लोग मतदान में भाग नहीं लेते या जो लोग विस्थापन के कारण मतदान नहीं कर पाते उनके मुद्दे पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा चुनाव को अधिक समावेशी बनाने के लिए राजनीतिक दलों के भीतर चुनाव में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने के सवाल पर भी विचार विमर्श होगा।