केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कानून लागू करने वाली एजेंसियों से नई प्रौद्योगिकी अपनाने का आह्वान किया है ताकि आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा के लिए उभरने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने में उनकी क्षमताओं में बढ़ोत्तरी हो सके।
गृह मंत्री ने नई दिल्ली में कहा कि भारत को कईं वर्षों से आतंकवाद और देश की सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जो सुरक्षा की द्वष्टि से काफी संवेदनशील हैं। इसका आयोजन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सहयोग से पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने किया है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार हाल में घोषित नई ड्रोन नीति को जल्द लागू करेगी और इसमें ड्रोन के इस्तेमाल के संबंध में समग्र नियम होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ड्रोन का व्यापक इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रोन का इस्तेमाल संवेदनशील क्षेत्रों तथा वामपंथी उग्रवाद से पीडि़त क्षेत्रों की निगरानी के लिए किया जाता है, जहां निगरानी दल की तैनाती करना कठिन है।
श्री सिंह ने खासतौर से जम्मू-कश्मीर, गुजरात और असम में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों की रोकथाम और निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी के उन्नयन और आधुनिकीकरण करने की घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल दुनिया के सबसे लंबे सीमा क्षेत्र की सुरक्षा में तैनात हैं, जिनकी लंबाई 7,500 किलोमीटर से अधिक है। इनमें से लगभग 900 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बाड़ लगाना संभव नहीं है। इतने लंबे सीमा क्षेत्र की सुरक्षा और निगरानी के लिए हमें लेजर, रडार और अन्य आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता है।