चौकीदार की ईमानदारी से कुछ लोग परेशान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जो लोग गोरखधंधे में शामिल हैं, वही एक ईमानदार ‘चौकीदार’ से परेशान होकर उसे हटाने का प्रयास करते हैं। श्री मोदी ने राष्ट्रव्यापी ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के नालंदा लोकसभा क्षेत्र के भरतीय जनता पार्टी नेता एवं पेशे से चिकित्सक डॉ. आशुतोष कुमार के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि किसी भी इलाके में एक ईमानदार और कर्मठ पुलिसकर्मी आता है तो लोग पसंद करते हैं लेकिन गोरखधंधे में शामिल लोग परेशान होकर उसे हटाने का प्रयास करने लगते हैं। उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह स्वाभाविक है कि उनके जैसे ईमानदार चौकीदार से कुछ लोग परेशान हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के हाथ में देश की 64 वर्षों तक बागडोर रही, उनके समय में हर जगह लूट मची हुई थी। लेकिन, जब उनके नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी तो विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत लोगों को दी जाने वाली राशि के सदुपयोग के लिए सभी लाभान्वितों के बैंक खाते को आधार से जोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी राशि सीधे लाभान्वितों के बैंक खाते में जमा की जाने लगी।
मोदी ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, सीधे लाभान्वितों के बैंक खाते में राशि भेजे जाने से सरकार को लगभग एक लाख करोड रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) प्रणाली को कड़ाई से लागू किया गया और इसका परिणाम सभी के सामने है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में कल्याणकारी योजनाओं की राशि ऐसे लोगों को दी जाती थी, जो केवल कार्यालयों के कागज पर ही जीवित थे। बच्चे के जन्म से लेकर वृद्धा पेंशन तक की कल्याणकारी योजनाओं का इसी तरह से बंदरबांट किया जाता था।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में डीबीटी का मतलब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जबकि पिछली सरकार के समय इसका मतलब डायरेक्ट बिचौलिया ट्रांसफर हुआ करता था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने लंबे समय तक देश में शासन किया वह उनके जैसे चाय बेचने वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।