ऐसा लगता है कि पटना प्रशासन और बिहार सरकार के बीच छठ में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अफसरों की संख्या पर खीचतान का खेल चल रहा है.
शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि जितनी संख्या में बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसरों की मांग उन्होंने सरकार से की है, उतने अफसरों को गंगा घाट की सुरक्षा में नहीं लगाया जा सकता.
हालांकि सरकार ने सचिवालय में तैनात उपसचिव स्तर के 20 अफसरों की सूची भेजी है जिन्हें छठ के दौरान 27 से 29 अक्टूबर को तैनात किया जायेगा.
पटना में दशहरा के अवसर पर हुए हादसे के बाद प्रशासन और सरकार दोनों चौकन्ना हैं. पर अफसरों की तैनाती का मसला बना हुआ है. जिला प्रशासन ज्याद अफसरों की मांग कर रहा है जबकि सरकार मात्र 20 अफसर हे कर ही अपने हात खड़े कर लिये हैं.
गौरतलब है कि प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने एक पत्र लिख कर सरकार से मांग की थी कि जिला प्रशासन को अफसरों की जरूरत है. इसके जवाब में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को लिखे पत्र में कहा गया है कि आपके द्वारा अपरसमाहर्ता स्तर के जितने अफसरों की मांग की गयी है उतने अफसरों को घाटों पर नियुक्त किया जाना संभव नहीं है.
इस मुद्दे पर जब नौकरशाही डॉट इन ने प्रमंडलीय आयुक्त से पूछा कि उन्होंने कितने अफसरों की मांग राज्य सरकार से की है. इसके जवाब में नर्दमदेश्वर लाल ने कहा कि यह “पत्र डीएम ने लिखा मैंने तो सिर्फ अनुशंसित किया है. ऐसे में मुझे नहीं मालूम कि कितने अफसरों की मांग की गयी है”.
अब सवाल यह है कि छठ के अवसर पर पटना में लाखों की संख्या में लोग अर्घ्य देने पहुंचते हैं, तो क्या उनकी सुरक्षा में कोताही होगी? प्रमंडलीय आयुक्त का कहना है कि किसी तरह की कोताही नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त संख्या में अफसर हैं. लेकिन आम तौर पर पर्व-त्यौहार के अवसर पर ज्यादा अफसरों की मांग की जाती है.
अभी हाल ही में दशहरा के अवसर पर भगदड़ के कारण 34 लोगों की जान जाने के बाद पटना प्रशासन की किरकरी हुई ती और इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण डीएम को हटा दिया गया ता.