9वीं के छात्र रौनक की 25 लाख की फिरौती के लिए हुई निर्मम हत्या पर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार व सुशील मोदी से  तीन तीखे सवालों का जवाब मांगा है.

तेजस्वी ने  पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि  एक 14 वर्षीय छात्र का अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी गयी।12 घंटे हत्यारों का Mobile ऑन था।पुलिस को तुरंत सूचना दी गई थी लेकिन surveillance से कोई कार्यवाही नहीं की गई।पुलिस तंत्र मानव शृंखला में लगा हुआ है। अभी मृतक के शव और बिलखते परिजनों को देखा।कलेजा फट रहा है.

गौरतलब है कि पटना के कुम्हरार इलाके में रियल स्टेट कारोबारी सुधीर कुमार के बेटे रौनक का 17 जनवरी को अपहर हुआ. और उसी रोज अपहरण के पांच घंटे बाद उसकी हत्या कर दी गयी. हत्या का आरोप विक्की नामक युवक पर लगा है जिसने सुधीर से 25 लाख की फिरौती मांगी थी.

तेजस्वी यादव ने  इस संबंध में सुशील मोदी से पूछा है कि प्रतिदिन जंगलराज पर बेसुरा राग अलपाने वाले सुशील मोदी की ज़ुबान पर अब बडका ताला क्यों लटक हुआ है? अब बिहार में प्रतिदिन होने वाली मर्डर,लूट,अपहरण,बलात्कार की घटनाएँ क्या सुशील मोदी द्वारा प्रायोजित है? सुशील मोदी मुँह खोलें.

मालूम हो कि सुशील मोदी जब विपक्ष में थे और राजद व जदयू की सरकार थी तो तमाम अपराध के लिए वे राजद को जिम्मेदार ठहराते हुए  राजद का एक नया नाम दिया था- रोजाना जंगलराज का डर. तेजस्वी ने इसी पर उनसे सवाल किया है.

माननीय मुख्यमंत्री को सबसे पहले अपने राजनीतिक चरित्र, नीति, विचार और सिद्धांत का आत्म-मनन और चिंतन करना चाहिए कि उन्होंने ऐसा कौन सा विकास किया है जो उन्हें चार साल में चार सरकार बदलनी पड़ी?

 

एक 14 वर्षीय छात्र का अपहरण कर निर्मम हत्या कर दी गयी।12 घंटे हत्यारों का Mobile ऑन था।पुलिस को तुरंत सूचना दी गई थी लेकिन surveillance से कोई कार्यवाही नहीं की गई।पुलिस तंत्र मानव शृंखला में लगा हुआ है। अभी मृतक के शव और बिलखते परिजनों को देखा।कलेजा फट रहा है।

बिहार में अब जंगलराज ही नहीं अपराधियों का आतंकराज है। अब नीतीश कुमार अपने रोबोटिक लोगों को बैठाकर रटायेंगे कि टीवी में जाकर बोलो कि बिहार में क़ानून का राज है। बिहार में चोरी की सरकार है सो ज़ोर-शोर से झूठ बोलों.

नीतीश जी, आपकी सरकार, प्रशासन, सुरक्षा तंत्र और इंटेलिजेन्स तंत्र तेजस्वी यादव चला रहा है क्या? अगर सीएम पर हमला तेजस्वी ने कराया है और वो दोषी है तो नीतीश कुमार में हिम्मत है तो डलवा दें हथकड़ी। क्यों फ़ालतू में भाड़े के लोगों से फ़ालतू बातें बुलवाते है?

 

 

 

 

By Editor


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