– वाहन पार्किंग के संबंध में एक प्रस्ताव एक सप्ताह के अंदर समर्पित करने का निर्देश
पटना.
जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने गुरुवार को निजी स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक समाहरणालय में की और विद्यालय को पूर्व में दिये गये निर्देश की समीक्षा की गयी. इसमें कई बिंदुओं पर कुछ एक स्कूलों ने निर्देश का पालन भी किया है, जिसका ब्योरा स्कूल प्रबंधन ने डीएम को सौंपा. श्री अग्रवाल ने स्कूल प्रबंधन को दोबारा से यह निर्देश दिया है कि बच्चों का बैग वजन कम करें और इस दिशा में गरमी छुट्टी के बाद सभी स्कूल जिला प्रशासन को ब्योरा दें. जिलाधिकारी द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वह विद्यालय के वाहनों की जांच करें तथा यह प्रतिवेदन दें कि ये वाहन छात्र-छात्राओं के परिवहन मानकों के अनुरूप हैं या नहीं. सभी विद्यालय प्रबंधन को अपने कैंपस के पास वाहन पार्किंग के संबंध में एक प्रस्ताव एक सप्ताह के अंदर समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में प्राथमिक उपचार की व्यवस्थाओं की जांच के लिए जिला स्तर पर जांच दल का गठन किया जाये और स्कूलों की फीस ऑनलाइन यथा एनएफटीए आरटीजीएस अथवा नेट बैंकिंग के माध्यम से जमा करने की सुविधा मुहैया करायी जाये.
डीएम ने दिया निर्देश
– सुरक्षा के दृष्टिकोण से विद्यालय में सीसीटीवी कैमरा कैंपस, कैंटीन व मुख्य गेट पर लगाया जाये.
कैमरा से गतिविधियों पर निगरानी रखने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही कैंपस के बाहर सूचना पट्ट भी लगाने का निर्देश दिया गया, जिसमें यह अंकित हो कि आप सीसी टीवी कैमरा की निगरानी में है.
– आपदा प्रबंधन के तहत विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की जाये और शिक्षक व कर्मचारियों को संचालन का प्रशिक्षण दिया जाये. इसकी जांच जिला अग्निशाम पदाधिकारी सभी विद्यालयों में करेंगे.
– सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाया जाये. साथ ही साथ सभी बस में बस के ड्राइवर-खलासी का नाम एवं नंबर विद्यालय का इमरजेंसी कांटेक्ट नंबर भी प्रिंट करवाया जाये.
– विद्यालय में फर्स्ट एड की व्यवस्था के साथ स्कूल बस में भी फर्स्ट एड किट रखा जाये.
– छात्र-छात्राओं के सुरक्षा के ख्याल से छुट्टी के वक्त बारी-बारी से बच्चों को छोड़ने एवं स्कूल बस को कैंपस के अंदर लाकर अंदर से ही बच्चों को बस में बैठायें. इससे जहां एक ओर मुख्य गेट के सामने सड़क पर यातायात बाधित नहीं होगी और दुर्घटना की कोई संभावना नहीं बनेगी.
– कई स्कूल छात्रों को क्लास रूम से बाहर निकल कर लंच करने के लिए बाध्य किया जाता है. इसलिए बच्चों के लिए एक जगह बनाये और लंच गाईड के रूप में शक्षिक प्रतिनियुक्त करें.
– कैंटिंन तथा कैंपस के बाहर बिकने वाले खाद्य सामग्रियों की होगी जांच. फूड इंस्पेक्टर द्वारा विद्यालय के कैंटीन की जांच की जायेगी.
– स्कूलों को अपना बेवसाइट डायनेमिक रखने तथा उसे नियमित रूप से सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि अभिभावकों को सूचनाएं तुरंत मिल सके.
– छात्र-छात्राओं के लिए एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टीविटी कराने तथा उसके व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास के लिए सभी अपेक्षित कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.