बिहार में छह साल बाद हो रहे छात्र संघ के चुनाव में शनिवार का दिन बेहद खास है, जब पटना यूनिवर्सिटी के 19,000 छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग PUSU चुनाव 2018 के लिए करेंगे. पिछला छात्र संघ का पिछला चुनाव 2012 में हुआ था, जिसमें पीयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है.
नौकरशाही डेस्क
हालांकि PUSU चुनाव 2018 को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्र बेहद उत्साहित हैं. मगर इस बार समीकरण बदला – बदला सा है. इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अलावा राजद और कांग्रेस के छात्र विंग क्रमश: सीआरजेडी व एनएसयूआई एक साथ मिल कर चुनावी मैदान में हैं. हालांकि प्रदेश की सरकार में गठबंधन के बावजूद जदयू और भाजपा की स्टूडेंट विंग ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
2012 के चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद वाम दल AISA और AISF ने साथ मिलकर अपने प्रतिनिधि मैदान में उतारें हैं. बता दें कि पिछले दिनों जेएनयू में भी वाम दलों ने साथ मिलकर जेएनयूएसयू के सभी सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि इससे पहले दोनों अलग – अगल लड़े थे. इसमें एक सीट अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हाथों में गई थी. मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (लो) का छात्र विंग जन अधिकार छात्र परिषद पहली बार चुनावी मैदान में है.
गौरतलब है कि इस चुनाव में सेंट्रल पैनल के पांच पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिए शनिवार को वोट डाले जाएंगे और मतगणनना भी शनिवार को ही होगी. इस दौरान कॉलेज और विभागों के रिप्रेजेंटेटिव भी चुने जाएंगे.