न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग(एनजएसी) के गठन के मुद्दे पर कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव का मामला आज लोकसभा में उठा लेकिन सरकार ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि न्यायपालिका की स्वायत्तता के लिए न्यायाधीशों नियुक्ति के मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि संसद सर्वोच्च है लेकिन देश के विभिन्न न्यायालयों में न्यायाधीशों के नियुक्ति मंडल में उसका कोई प्रतिनिधि नहीं होगा क्योंकि इसे न्यायपालिका में सरकार का हस्तक्षेप माना जाएगा। संसद को सर्वोच्च बताते हुए उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वायत्तता बनी रहे इसके लिए न्यायालय के निर्णय को स्वीकार किया गया है।