महिला वकील का यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे पूर्व जज एके गांगुली फिर इसी तूफान में तब घिर गये जब इंडियन एक्सप्रेस ने महिला का शपथ पत्र छाप दिया. आपभी पढें पूरा शपथ पत्र
जस्टिस गांगुली ने पीड़ित से कहा था कि वह उनके बेडरूम जाकर शराब पीते हुए आराम करे। पीड़ित का यह भी कहना है कि जज ने उसे गले लगाने की कोशिश की, उसके हाथ भी चूमे थे। इस दौरान जज पीड़ित से यह कहते रहे कि वह उससे प्यार करते हैं.
महिला इंटर्न वकील का शपथ पत्र
…जब मैं फाइव स्टार होटल के एक कमरे में पहुंची तो जज के अलावा वहां दो लोग और मौजूद थे। जज ने मुझे बताया कि उनमें से एक ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) से जुड़ा हुआ है। जबकि महिला स्टेनोग्राफर थी। इसके बाद जज ने यह बताते हुए कि एआईएफएफ की रिपोर्ट अगली सुबह तक सौंपनी है, मुझे पूरी रात होटल में रुककर काम करने को कहा। मैंने इनकार कर दिया और कहा कि मुझे काम खत्म करने के बाद लौटना है।
हालांकि, वे मेरे प्रतिरोध को अनसुना करते रहे और एआईएफएफ से जुड़े शख्स से यह पूछा कि क्या उसी होटल में मेरे लिए कोई कमरा बुक किया जा सकता है। एआईएफएफ से जुड़े शख्स ने कहा कि हो सकता है कि यह न हो पाए, लेकिन जज के बार-बार कहने पर वह अपने सीनियर से बात करने पर राजी हो गया। इसके बाद वह शख्स और महिला स्टेनोग्राफर लौट गए।
मैंने जज से पूछा कि चूंकि नेट नहीं चल रहा है, ऐसे में इंटरनेट पर सर्च नहीं किया जा सकता है। ऐसे में मेरे रुकने का क्या औचित्य है? इस बात पर जज ने मुझसे पूछा कि क्या ईसाई परिवारों में क्रिसमस के दौरान शराब पीने की परंपरा है। मैंने हां कहा। इसके बाद उन्होंने रेड वाइन की एक बोतल निकाली। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने दिनभर काम किया है, इस वजह से मुझे उनके बेडरूम में चले जाना चाहिए और वाइन पीते हुए आराम करना चाहिए.
वह बेडरूम में रात को रोकना चाहते थे
जज की बातों से मैं परेशान हो गई और काम खत्म करके जल्द से जल्द होटल से बाहर जाना चाहती थी। लेकिन जज ने रेड वाइन की बोतल निकाली और मुझे एक गिलास पकड़ा दिया। मुझे अटपटा लगा, लेकिन मैंने गिलास पकड़ लिया। तब तक मैं बहुत ज्यादा असहज हो गई और जगह को जल्द से जल्द छोड़ देना चाहती थी। जज बीच-बीच में बातचीत करना चाहते थे, लेकिन मैंने टाइपिंग करने पर ध्यान लगाए रखा। मैंने उनसे किसी गाड़ी का इंतजाम करने को कहा क्योंकि मुझे लौटना था। इस दौरान जज कुछ फोन करते रहे और उसी होटल में मेरे लिए कमरा बुक करने की बात करते रहे। लेकिन इस दौरान भी मैं होटल में रुकने से इनकार करती रही। मुझे खुद के लिए किए जा रहे इंतजाम पर आश्चर्य हो रहा था। मेरा तनाव बढ़ने लगा। बाद में जज ने कहा कि होटल में अलग कमरा बुक करना संभव नहीं है। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या रिपोर्ट खत्म करने के लिए मैं उनके ही कमरे में ठहर सकती हूं।
मुझ पर शराब पीने का दबाव बना रहे थे
जब जज ने मुझे शराब पीने को कहा कि तब मैंने साफ-साफ कह दिया कि ऐसा कहना मुनासिब नहीं है। मेरा प्रतिरोध भांपते हुए जज ने मुझसे कहा कि वह मेरे लिए गाड़ी का इंतजाम करेंगे। इस दौरान जज ने न सिर्फ रेड वाइन के कुछ गिलास खाली कर दिए बल्कि बकार्डी रम के भी कुछ पैग पी लिए। लेकिन तब तक मैं रेड वाइन की बमुश्किल कुछ ही घूंट पी सकी थी। जबकि जज बार-बार यह कह रहे थे कि मैं जल्दी से जल्दी गिलास खाली करूं ताकि वे उसे फिर से भर सकें। इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर मुझे रुकने को कहा क्योंकि उनका तर्क था कि कि वे अकेले रिपोर्ट पूरी नहीं कर सकेंगे। लेकिन मैंने मना कर दिया।
पीठ पर हाथ रख दिया, चूमा
तकरीबन 10 बजे कमरे में डिनर परोस दिया गया। इसके बाद मैं राउंड टेबल से उठकर एक सोफा पर बैठ गई। जज भी मेरी बगल में आकर बैठ गए। हम दोनों ने खाना शुरू कर दिया। खाते समय जज ने अपना हाथ मेरी पीठ पर रख दिया और मदद करने के लिए मुझे शुक्रिया कहा। मैं दूर हट गई, ताकि उन्हें यह पता चल सके कि उनका मेरी पीठ पर हाथ रखना अनुचित है। हालांकि, जज ने अपना हाथ मेरी पीठ पर से नहीं हटाया। और तो और वे आगे आ गए मुझे गले लगाने की कोशिश की। इसके बाद मैंने सुरक्षित महसूस नहीं किया और उनकी हरकतों पर मुझे शक होने लगा। इसके बाद मैं जज से दूर एक दूसरे सोफे पर बैठ गई।
गले लगानी की कोशिश की
जज से दूर दूसरे सोफे पर बैठने के कुछ देर बाद मैंने खाना छोड़ दिया और राउंड टेबल पर वापस बैठकर काम करने लगी। इस दौरान मैं कार का इंतजार करती रही। तक तक मैं पूरी तरह से डर गई थी। इसी समय जज मेरे पास आए खड़े हो गए। उन्होंने अपना हाथ मेरे सिर पर रखा और कहा, तुम बहुत सुंदर हो। यह सुनकर मैं अपनी सीट से उठने लगी लेकिन तब तक वे मेरे हाथ पकड़ चुके थे। जज ने कहा, तुम जानती हो कि मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित हूं। क्या तुम यह नहीं जानती? तुम सोच रही होगी कि यह बूढ़ा आदमी शराब पीकर ऐसी बात कर रहा है। लेकिन सचमुच मैं तुम्हें पसंद करता हूं, प्यार करता हूं। जब मैं वहां से हटने लगी तो उन्होंने मेरे हाथ चूमे और यह कहते रहे कि वे मुझसे प्यार करते हैं
मैंने उन्हें यह कहते हुए पीछे धकेल दिया कि मुझे तुरंत जाना है। तब तक मैं समझ गई थी कि मेरे साथ जो कुछ हो रहा था उसमें जज मेरे साथ सेक्स की कोशिश में थे. मैंने जल्दी से अपना कंप्यू्टर लिया और कमरा छोड़कर बाहर आ गई। इसके बाद मैं लिफ्ट से नीचे उतरने लगी। मेरे पीछे-पीछे जज भी नीचे आने लगे। इस दौरान वे कहते रहे नहीं, कृपया मत जाओ। क्या मैंने तुम्हें परेशान किया? कृपया मुझे अकेला मत छोड़ो। मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है। मैंने जज को कोई जवाब नहीं दिया। मेरे पीछे-पीछे जज रिसेप्शन तक आ गए। चूंकि कोई कार उपलब्ध नहीं थी, इसलिए जज ने किसी को फोन किया। जल्द ही एक और शख्स वहां आ गया। मुझे बताया गया कि वह एआईएफएफ का सीनियर मेंबर है। जज ने मुझसे कहा कि लगता है कि कोई कार उपलब्ध नहीं है। जज ने उस शख्स को कार उपलब्ध कराने को कहा। इस दौरान जज मुझसे रुकने और रिपोर्ट पूरी करने के लिए मदद की बात दोहराते रहे। मैंने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने 10.30 बजे होटल छोड़ दिया। मैं अपने पीजी लौट आई। पीजी पहुंचने के बाद जज ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या मैं पहुंच गई। मैंने कड़ाई से हां कहा और फोन काट दिया।
अगली सुबह मैंने जज को एक एसएमएस भेजा कि बीती रात जो कुछ हुआ, उसके बाद मैं जज के साथ काम नहीं करना चाहूंगी। मैंने वह एसएमएस 25 दिसंबर, 2012 को सुबह करीब 9 बजे भेजा था। इसके बाद जज ने मेरे पास कई फोन किए। मैंने उनके किसी फोन का जवाब नहीं दिया।