अपनी संपर्क यात्रा के दौरान पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं ने भरोसा दिलाया था कि सत्ता व संगठन में कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाएगा, उन्हें भागीदारी की जाएगी। लेकिन उनकी यात्रा पूरी भी नहीं हुई थी कि जदयू कार्यकर्ताओं पर पुलिस का कहर टूट पड़ा। नीतीश कुमार की सुरक्षा में ही लगे अधिकारी से उलझने के कारण जदयू के छात्र नेताओं की पुलिस ने धुनाई कर दी। इतना ही नहीं, उन छात्र नेताओं को सिगरेट दाग भी दिया। कुमुद पटेल व प्रिंस बजरंगी का पिटाई के बाद हालत खराब हो गयी और उनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है।
इस बीच पटना में सीएम जीतन ने जदयू छात्र समागम के दो छात्र नेताओं की पुलिस पिटायी को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया है। श्री मांझी ने आज यहां कहा कि इस मामले में दोषी पाये गये पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ विधि सम्मत सख्त कार्रवाई की जायेगी। किसी भी हाल में दोषी पाये गये पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच का निर्देश दे दिया गया है।
लेकिन सवाल यह है कि नीतीश कुमार कार्यकर्ताओं को सम्मान देने का वादा कर रहे हैं और अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस प्रशासन बर्बर कार्रवाई कर रही है। इसका संदेश पार्टी क्या देना चाहती है। जीतनराम मांझी व नीतीश कुमार प्रशासन के लिए कोड ऑफ कंडक्ट की बात करते हैं, जन प्रतिनिधियों को सम्मान देने की बात करते हैं और उनका प्रशासन हर दिन बर्बर कार्रवाई कर रही है। आखिर सरकार व सरकार पर नियंत्रण रखने वाले के झूठे दिलासे का हश्र क्या होगा।