राजद-जदयू के 30 अगस्त को आयोजित स्वाभिमान रैली के बाद गठबंधन के तीनों दल संयुक्त कंपेन को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। इसका खाका भी लगभग तैयार हो गया है। मुख्य प्रचारक लालू यादव व नीतीश कुमार ही होंगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव चुनाव प्रचार में हाशिए पर धकेले जा सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की एकाध सभा हो सकती है, जबकि कुछ सभाएं राहुल गांधी की भी हो सकती हैं। मुलायम सिंह यादव या अखिलेश यादव भी प्रचार में आ सकते हैं। लेकिन ये सिर्फ अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के क्षेत्रों में ही सभाओं को संबोधित करेंगे।
वीरेंद्र यादव
सोशल मीडिया कंपेन को लेकर जदयू सांसद आरसीपी सिंह भी ज्यादा उत्साहित नहीं हैं, जबकि सोशल मीडिया कंपेन का संचालन उनके ही सरकारी आवास से हो रहा है। पार्टी हित के लिहाज से ‘बढ़ चला बिहार’ अभियान की विफलता से नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे हैं। इसलिए प्रशांत किशोर की टीम को मुख्य चुनाव कंपेन से अलग कर दिया गया है। उनके जिम्मे सिर्फ सोशल मीडिया पर इंटरएक्शन का काम छोड़ दिया गया है।
मानीटरिंग के लिए बनी टीम
अब खुद लालू यादव व नीतीश कुमार कंपेन की मानीटरिंग करेंगे। इनके निर्देशों को कार्यान्वित करने के लिए एक तीन सदस्यों की टीम गठित की गयी है। इसमें विधान पार्षद भोला यादव के अलावा दो आइएएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। प्रचार के दौरान लालू यादव व नीतीश कुमार की संयुक्त सभाएं बहुत कम होंगी। प्रचार के लिए हवा में सिर्फ यही दो नेता उड़ पाएंगे, जबकि शरद यादव समेत अन्य नेताओं को सड़क मार्ग का ही सहारा लेना पड़ेगा। शरद यादव को हवाई यात्रा के लिए लालू यादव या नीतीश कुमार के साथ ही सीट शेयर करना पड़ेगा। कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी कभी-कभार हवाई सैर का मौका दे सकती है, नियमित रूप से नहीं। अशोक चौधरी को भी हवाई प्रचार के लिए लालू-नीतीश पर निर्भर रहना पड़ेगा।