जदयू में छिड़े घमासान पर शिवानंद तिवारी ने प्रशांत किशोर को कहा नीतीश को छोड़िये, इशारों में बताया विकल्प
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने जदयू में प्रशांत किशोर को ले कर छिड़े विवाद पर कहा है कि नीतीश जी को मैं लंबे अरसे से जानता हूँ वह अपने इर्द-गिर्द किसी भी स्वाभिमानी और स्वतंत्र विचार वाले व्यक्ति को सहन नहीं कर सकते हैं. इसलिए प्रशांत किशोर उनके पास टिक नहीं पायेंगे.
श्री तिवारी का यह बयान तब दिया है जब जदयू के अंदर प्रशांत किशोर के एक बयान को ले कर काफी हंगामा मचा है.
[tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title][/tab_title][/tabs_head][tab]प्रशांत किशोर ने कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में कहा था कि वह जब किसी व्यक्ति को प्रधान मंत्री या मुख्यमंत्री बना सकते हैं तो वह मुखिया, सरपंच, जिला परिषद के सदस्य व विधायक भी बना सकते हैं. प्रशांत किशोर के इस वकत्व्य को उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने नीतीश कुमार की शान में गुस्ताखी माना और वे प्रशांत किशोर के खिलाफ बयान दे रहे हैं.[/tab][/tabs]
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इस मामले में राजद के नेता शिवानंद तिवारी भी कूद पड़े और कहा कि प्रशांत को मैंने सुना और पढ़ा है. हर मसले पर उनकी अपनी सुचिंतित राय है. उनकी हर राय नीतीश जी की राय से मेल खाए यह ज़रूरी नहीं है. लेकिन प्रशांत अपनी बात बहुत बेबाक़ी से रखते हैं. झंझट यहीं है. नीतीश जी से अलग राय रखकर आप उनके साथ नहीं रह सकते हैं. अगर रखते हैं तो उसे प्रकट नहीं कर सकते हैं.
श्री तिवारी ने कहा कि प्रशांत अगर नीतीश जी से अलग हटते हैं तो इससे उनको कोई हानि पहुँचने वाली नहीं है. प्रशांत का नाम और शोहरत दूर तक फैल चुका है. इसलिए कहीं भी उनका स्वागत होगा.
प्रशांत को सलाह
श्री तिवारी ने अपने बयान में कहा कि “मेरा उनसे एक ही अनुरोध होगा. वह भी इसलिए कि कर्म के स्तर पर वे चुनाव के साथ बहुत नज़दीक से जुड़े रहे हैं. इसलिए देश में चुनावों के ज़रिए ही सरकारें बनें इसके प्रति उनकी निष्ठा ज़रूर होगी. आज जिन लोगों के वे साथ हैं उनका लोकतंत्र में यक़ीन नहीं है. उनका बस चले तो आज वे लोकतंत्र को देश से मिटा दें. उन्माद का माहौल पैदा कर रोज़ी, रोटी, रोज़गार, किसानी आदि की समस्याओं से लोगों का ध्यान भटका कर ये सत्ता हासिल करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि देशभक्ति के नाम पर उन्माद का माहौल बनाया जा रहा है. किसी भी तरह के सवाल को देश द्रोह बताया जा रहा है. इसलिए प्रशांत से मेरा अनुरोध होगा कि इनको छोड़िए. इनसे लड़ने वाले किसी भी पार्टी से जुड़िए और लोकतंत्र को बचाने के नेक और पवित्र अभियान में अपना कंधा लगाइए.
श्री तिवारी के इस बयान के कई अर्थ निकाले जा सकते हैं. संभव है कि लोग इसका यह भी अर्थ निकालें कि क्या वह प्रशांत को यह संकेत दे रहे हैं कि उनका राजद में भी स्वागत है.