दिन भर की कयासआराइयों के बाद वही हुआ जिसकी उम्मीद थी. जद यू विधायक दल की बैठक में तमाम विधायकों ने नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया है. हालांकि नीतीश ने इस मुद्दे पर कहा कि वह कल निर्णय लेंगे.
बैठक के बाद विधान पार्षद और पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह शाम 6. 50 बजे मुख्यमंत्री आवास के बाहर निकले और पत्रकारों को बताया कि विधायक दल ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को दुबारा अपना नेता चुना है और उनसे मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि
नीतीश कुमार ने इनकार किया तो सभी विधायक अनशन पर बैठ गए। विधायकों ने कहा कि नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं और वहीं जदयू के नेता रहेंगे। विधायकों का अपने फैसले पर अड़ा देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल तक का समय मांगा है.
ध्यान रहे कि नीतीश कुमार ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा राज्यपाल डीवाई पाटिल को सौंप दिया था. इसकी वजह बताते हुए नीतीश ने कहा था कि चूंकि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी इसलिए वह इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं.
अब सब की निगाहें नीतीश के कल के फैसले पर टिकी हैं कि वह विधायक दल के नेता का पद स्वीकार करते हैं या नहीं. लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश कल तक यह सुनिश्चित कर लेना चाहेंगे कि वह सदन में अपना बहुमत साबित कर पाने की स्थिति में होंगे तो वह निश्चित रूप से विधायक दल का नेता बनना स्वीकार कर लेंगे.
सरी ओर बीजेपी नेता राज्यपाल से मिलने पहुंच गए। राज्यपाल डी वाई पाटिल से मुलाकात कर बीजेपी नेताओं ने उनसे ताजा सियासी हालात पर बात की। बीजेपी ने मांग की है कि दोबारा ठोंक बजा कर ही जेडीयू को सरकार बनाने का मौका दिया जाए।
सुशील मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार के पास बहुमत नहीं है। अराजकता और अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। जेडीयू विधायकों की परेड राज्यपाल के सामने कराई जानी चाहिए ताकि राज्यपाल व्यक्तिगत तौर पर हर विधायक से संतुष्ट हो जाए, तभी उन्हें सरकार बनाने दी जाए।