सोमवार को जनता दरबार में एक युवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चप्पल चला दी. इस घटना के तुरत बाद युववक को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया लेकिन नीतीश कुमार ने उस युवक के विरुद्ध कार्रवाई करने से मना करते हुए माफ कर दिया.
चप्पल फेकने वाले युवक का नाम भी नीतीश कुमार है. वहर अरवल का रहने वाला है.
जनता दरबार के बाद पत्रकारों के बातचीत के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि उक्त चप्पल उनकी बायीं ओर उस समय गिरी जब वह एक आवेदन को पढ़ने में तल्लीन थे।
उन्होंने बताया कि युवक की इस हरकत पर सुरक्षा बलों के पकड़ने पर हमने उसके साथ कुछ भी करने से मना किया। करीब बुलाकर उसे एक कुर्सी पर बैठाते हुए उससे पूछा कि ऐसा उसने क्यों किया। इस पर उसने बताया कि आपने हवन पर रोक लगा दी है। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं है।
नीतीश ने कहा कि युवक के यह कहने पर कि ऐसा अखबार में छपा है और यह सब हिंदू धर्म के खिलाफ हैं, तब उन्होंने समझाया कि वह भी हिंदू है। उन्होंने बताया कि चिकित्सक को बुलाकर उसकी मेडिकल जांच करवाई तो सब कुछ ठीक पाया गया।
लेकिन सवाल यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच आखिर ऐेसे हादसे हो कैसे जाते हैं। दरबार में सीएम के खिलाफ असामाजिक हरकत पहले भी हो चुके हैं। एक बार पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर भी सारण के युवक ने दरबार में जूता मारने की कोशिश की थी। दरबार में हंगामा की नौबत हर बार आती है। उससे पुलिस निपटती रही है।