भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि सीएम नीतीश जनता को गुमराह कर रहे हैं। अपने फेसबुक पोस्ट पर उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि 14 वें वित आयोग की अनुशंसा पर अगले पांच साल में बिहार को 55 हजार करोड़ रुपये का घाटा होगा, जबकि हकीकत है कि केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के तौर पर बिहार को पहले से 2 लाख 15 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि क्या नीतीश कुमार देश के अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ राष्ट्रीय विकास परिषद की हर बैठक में लगातार यह मांग नहीं करते रहे हैं कि केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाई जाए और केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या घटाई जाए और उसकी राशि राज्यों की दी जाए? लम्बे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेन्द्र मोदी ने राज्यों की भावनाओं का सम्मान करते हुए जब केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 से बढ़ा कर 42 प्रतिषत कर दिया तो नीतीश कुमार अब न केवल अपनी ही बातों से पीछे हट रहे हैं बल्कि केन्द्र सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश भी कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बतायें कि क्या अबतक बिहार केन्द्र सरकार की कतिपय कड़ी शर्तों के कारण केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की 60 प्रतिशत से ज्यादा राशि ले पाया है? क्या केन्द्र की षर्तों को पूरा नहीं करने के कारण ही वर्ष 2012-13 और 2013-14 में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की प्रतिवर्ष पांच हजार करोड़ से ज्यादा की राशि लैप्स नहीं हो गई थी? क्या अब राज्य को केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की कड़ी शर्तों से निजात नहीं मिलेगी? क्या राज्य को अब जरूरतों के अनुसार अपनी योजनाओं की प्राथमिकता तय करने और लागू करने की स्वतंत्रता नहीं मिलेगी?