मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता परिवार के विलय पर बनी सहमति के बाद आज दिल्ली से पटना लौटे। वह विलय को लेकर आश्वस्त लग रहे थे और अपनी सरकार के भविष्य का लेकर निश्चिंत भी थे। हवाई अड्डे पर पत्रकारों से चर्चा में उनका आत्मविश्वास भी दिख रहा था।
उन्होंने कहा कि जनता परिवार के विलय से भाजपा घबरा गई है। उसके नेता अंदर से परेशान हो उठे हैं। भाजपा कह रही है कि विलय में पेंच अभी भी फंसा है, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग जिस चीज का मजाक उड़ा रहे हैं। वही उनके लिए विनाशकारी साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि विलय के बाद इसके संगठनात्मक स्वरूप में भी बदलाव आ सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव सब लोगों के साथ मिल-बैठकर कार्यक्रम, नीति, झण्डा और चुनाव चिह्न पर बहुत जल्द निर्णय लेंगे। सभी दलों के अध्यक्षों को मिलाकर एक समिति बनाई गई है, जो सारी बातों को अंतिम रूप देगी। औपचारिकताओं को मूर्त रूप देने का निर्णय भी समिति लेगी। मुलायम आगे का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस प्रश्न पर कि विलय का सरकार के काम काज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, कहा कि सरकार जैसे काम कर रही है। वह करती रहेगी। हम मुस्तैदी के साथ विकास और सुशासन के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। इसी तरह अपना काम करते रहेंगे। बचे हुए समय में बिहार की खिदमत करेंगे। आगे चुनाव की चर्चा ही होगी। सरकार को राजद, कांग्रेस, सीपीआई और एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है।
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