पटना में पिछड़ी जाति में शामिल करने के लिए होने वाली सुनवाई के दौरान अगड़ी जाति के लोगों ने पिछड़ी जाति के लोगों पर हमला कर दिया.
नौकरशाही ब्यूरो
इस मारपीट में शमशाद साईं और हिशामुद्दीन अंसारी को निशाना बनाया गया. शमशाद साईं बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हैं. यह हमला तब हुआ जब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग शुक्रवार को पटना प्रमंडलीय आयुक्त के सभा कक्ष में 24 जातियों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के आवेदन के पक्ष और आपत्तियों पर सुनवाई कर रहा था.
बाद में शमशाद साई और हिशामुद्दीन अंसारी ने गांधी मैदान थाने में मारपीट कि शिकायत दर्ज की. आरक्षण बचाओ भियान के नेता प्रोफेसर अब्बास, अशोक यादव, मनीष रंजन, इम्तेयाज अंसारी, अली इमाम भारती और जफर इमाम के नेतृत्व में दर्जनों लोग हमले के खिलाफ धरना पर बैठ गये.
इस मारपीट में शमशाद साईं और हिशामुद्दीन अंसानी को निशाना बनाया गया.
शमशाद साईं बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हैं
मुस्लिम मलिक जाति के लोगों ने मलिक जाति को ओबीसी में शामिल करने के लिए आवेदन किया था . जबकि आरक्षण बचाओ अभियान की तरफ से यह दलील और सुबूत दिये गये कि मलिक जाति सामाजिक और आर्थिक रूप से अगड़ी है इसलिए उन्हें पिछड़ा वर्ग में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. जब पिछड़े समुदाय के लोगों ने अपनी दलील आयोग के सदस्य शकीलुज्जमा अंसारी के समक्ष रखी तभी उन पर हमला बोल दिया गया. शमशाद साईं ने अपने चेहरे पर उग आये लाल दाग को दिखाते हुए बताया कि उन्हें थप्पड़ और घूसे से पिटाई की गयी. उन्होंने कहा ‘इसी बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मेरी जान बचाई’.
आरक्षण बचाओ अभियान के नेता हिशामुद्दीन अंसारी ने कहा कि ‘मैं शमशाद साईं के साथ था और हम दोनों अपना पक्ष रखते हुए मलिक बिरादरी के लोगों को ओबीसी में शामिल न करने के लिए दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर रहे थे. इतन में अचानक हम पर थप्पड़ और घूसे से हमला किया गया’. उन्होंने कहा कि हमला करने वाले 8-10 की संख्या में थे. इनमें ज्यादातर वे लोग थे जिनके नाम जनसुनवाई की पंजी में दर्ज हैं.
इस घटना के बाद आयुक्त कार्यालय के परिसर में अफरातफरी फैल गयी. थोड़ी देर में दोनों पक्षों के लोग भारी संख्या में जमा हो गये. इस बीच वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने बीच बचाव किया.
गौरतलब है कि केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 26-27 नवम्बर को 24 जातियों को ओबीसी में शामिल करने के पक्ष और विपक्ष में सुनवाई करने आया था. इसके अलावा आयोग तीन जातियों को ओबीसी की लिस्ट से अलग करने की मांग पर भी सुनवाई की.
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