आए दिन नेताओं को कोसने वाली दुनिया के सामने कर्नाटक के 61 वर्षीय मंत्री हीरो बनकर सामने आए। आखिर उन्होंने ऐसा क्या कारनामा कर दिखाया?
अमर उजाल की खबरों में बताया गया है कि मंत्री ने अपने गार्डों के साथ तालाब में कूदकर छह लोगों के पूरे परिवार को बाहर निकाला, जो डूबती कार में फंसे हुए थे।
प्राथमिक एवं माध्यामिक शिक्षा मंत्री किम्माने रत्नाकर अपनी सरकारी गाड़ी इनोवा से बंगलुरु जा रहे थे, जब उन्होंने डूबती कार देखी और अपने काफिले को रुकने के लिए कहा।
किम्माने, उनका गनमेन हलस्वामी, ड्राइवर चंद्रशेखर और एस्कोर्ट वाहन का ड्राइवर कृष्णमूर्ति यह देखकर पानी में कूद गए। वे सभी कार तक पहुंचे, जिसमें फंसे लोग खिड़की से बाहर हाथ निकालकर मदद की गुहार लगा रहे थे।
चंद्रशेखर ने पिछला दरवाजा खोला और तीन बच्चों को बाहर निकाला और अपने साथियों की मदद से उन्हें किनारे ले आए। इसके बाद चारों कार की तरफ दोबारा गए। इसके बाद बाकी तीन लोगों को बचाया गया, जिनमें 55 साल की एक महिला भी शामिल थी।
इस दौरान ड्राइवर सीट पर बैठे व्यक्ति बेहोश हो चुके थे। इसके बाद मंत्री ने डॉक्टर को बुलाया, जिसने उदय कुमार, उनकी पत्नी सुमा, मां गीता, 14 और 8 साल के दो बेटों और उदय के तीन साल के भतीजे का उपचार किया।
किम्माने ने अपने दोस्तों को बुलाया और उनके साथ दवा एवं नाश्ते का इंतजाम किया। उन्होंने उदय को कपड़े भी दिए, जिसके बाद वह बंगलुरु के लिए रवाना हुए।
उदय ने कहा, “मेरे पास मंत्री किम्माने रत्नाकर का शुक्रिया अदा करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं। उनकी कोशिशों की वजह से आज हम जिंदा हैं। वह न होते, तो हम सभी छह डूब जाते।”