केंद्र सरकार ने गुरुवार शाम सुरक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक एवं मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आतंकवादी समूहों के साथ कथित सांठगांठ के लिए ‘जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर’ पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की और इसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजीत डोभाल शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि यह पांच साल के लिए है और सरकार का फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित न्यायाधिकरण की ‘जांच’ के अधीन है।
पुलवामा हमले के बाद हाल ही में समूह के सदस्यों के घरों पर छापे मारे गये थे और यह भी आरोप लगाया गया कि यह समूह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का एक राजनीतिक संगठन है। रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पिछले सप्ताह संगठन के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों ने बताया कि संगठन पर 1990 में भी प्रतिबंध लगाया गया था जो 1995 में समाप्त हो गया इसके बाद प्रतिबंध की अवधि को बढ़ाया नहीं गया।