नोटबंदी से पहले बिहार के 23 जिलों में जमीने खरीद मामले में भाजपा की मुसीबत बढ़ती जा रही है. निबंधन विभाग ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.
निबंधन मंत्री अब्दूल जलील मस्तान नें कहा की बिहार के सभी जिलों से जमीन खरीद की कागजात मंगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि अब तक सात जिलों से बीजेपी द्वारा खरीदी गई जमीन के कागजात उपलब्ध हो गए हैं. सभी जिलों से कागजात मंगानें के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. इसके उपरांत आगे की कार्रवाई होगी.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के 23 जिलों में पार्टी कार्यालय के लिए करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी है. इनमें अनेक जमीन की खरीद का पेमेंट कैश में किया गया है.
इन जमीनों में अधिकतर की खरीद अग्सत-सितम्बर में की गयी. कुछ जमीनों की खरीद नोटबंदी की घोषणा से हफ्ता दिन पहले की गयी. इस खबर के उजागर होने केबाद बिहार का सियासी पारा गर्म हो गया है. राजद, जद यू और कांग्रेस इसे काले धन को सफेद करने के रूप में देख रहे हैं.
निबंधन विभाग जहां इस मामले की जांच शुरू कर चुका है वहीं दूसरी तरफ राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री मदन मोहन झा ने कहा की निबंधन विभाग जांच की कारवाई कर लेगा तो उसके बाद भूमि सुधार विभाग भी इसकी जांच करेगा.
उधर भूमि सुधार विभाग के मदन मोहन झा ने कहा कि जब नोटबंदी हुई है तो जमीन खरीदे गये. दाल में कुछ काला है. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री कैश पेमेंट से किया गया है इसलिए भी इस मामले में संदेह पैदा होता है.