जम्मू कश्मीर में भारतय जनता पार्टी की तमम कोशिशों के बाद भी उसे उम्मीदों से महज एक तिहाई ही वोट मिले हैं. उसकी हालत जम्मू के उन क्षेत्रों में भी संतोषजनक नहीं जहां हिंदू बहुलता वाली 37 सीटें हैं.
नौकरशाही डेस्क
भाजपा को अब तक के आखिरी रुझानों के लिहाज से उसे 24 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. 87 सदस्यीय असेम्बली में बहुमत के लिए कमसे कम 48 सीट की जरूरत है.
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि भाजपा को उस जम्मू क्षेत्र में 37 में से मात्र 24 सीट तो मिली ही है, घाटी की चालीस सीटों में से कही भी उसका खाता तक नहीं खुला है.
कश्मीर से बीबीसी के लिए काम करने वाले पत्रकार अल्ताफ हुसैन का कहना है कि भाजपा को जम्मू में, जहां हिंदुओं की संख्या बुसंख्य है, में मात्र 24 सीटों पर संतोष करने का मतलब हुआ कि जम्मू क्षेत्र के हिंदुओं ने भी भाजपा को स्वीकार नहीं किया.
पूरे कश्मीर में सबसे ज्यादा सीटें मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पार्टी पीडीपी को मिली है. उसे कुल 29 सीटें मिली हैं. इस प्रकार उसे सरकार बनाने के लिए 19 सीटें दरकार हैं. ऐसे में उसकी मुश्किल यह है कि उसे किसी न किसी पार्टी से गठजोड़ करना पड़ेगा. हालांकि पीडीपी ने इस बात के संकेत दिये हैं कि वह भाजपा के संग गठजोड़ करने के पक्ष में नहीं है. दूसरी तरफ भाजपा भी पीडीपी के संग सरकार में शामिल होने के लिए बहुत उतावली नहीं दिख रही है. इस बीच कांग्रेस ने पीडीपी को हिमायत करने का ऐलान कर दिया है.
कांग्रेस के पास अंतिम रुझान तक 11 सीटें मिली हैं या बढ़त बनाये हुए है. इस हालत में अकेल बल पर कांग्रेस हिमायत भी कर दे तो पीडीपी को 8 और सीटों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में हालात तब क्लियर होंगे जब अंतिम परिणाम आ जाये.