पूर्व केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री जयंती नटराजन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से उनकी छवि खराब करने का अभियान चलाए जाने और पार्टी में लोकतंत्र खत्म होने का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेस से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। श्रीमती नटराजन ने पत्रकारों से कहा कि पर्यावरण मंत्री के रूप में परियोजनाओं को मंजूरी देने के मामले में उन्होंने पूरी तरह से नियमों के साथ साथ पार्टी नेतृत्व के निर्देशों का भी अक्षरश: पालन किया। लेकिन मंत्री पद से उनके इस्तीफे के बाद श्री गांधी के कार्यालय ने मीडिया में उनकी छवि खराब करने के लिए दुष्प्रचार अभियान चलाया।
कांग्रेस ने श्रीमती नटराजन के आरोपों को निराधार और तथ्यहीन बताया। पार्टी की प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि उनका इतने दिनों तक चुप रहना और अब अचानक आरोप लगाना यह र्दशाता है कि किसी पार्टी से फायदा होने वाला है । उन्होंने कहा कि उन्हें श्री गांधी के कार्यालय से कई बार बडी परियोजनाओं के बारे में निर्देश मिले जिनके साथ अनेक गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के ज्ञापन और ये शिकायतें होती थीं कि इन परियोजनाओं से पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने परियोजनाओं के संबंध में जांच कराने के बाद पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के मद्देनजर विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी नहीं दी लेकिन मंत्री पद से उनके इस्तीफे के अगले दिन ही श्री गांधी ने रुख बदलते हुए वाणिज्य उद्योग मंडल (फिक्की) के एक कार्यक्रम में कहा कि अब पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलने में कोई देरी नहीं होगी। श्रीमती नटराजन ने कहा कि श्री गांधी को यदि उनसे कोई समस्या थी तो वह सीधे कह सकते थे कि परियोजनाओंको जल्दी मंजूरी दी जाए।