समाजवादी नेता, चिंतक व पत्रकार गुलाम सरवर की 93 जयंती पर बिहार सरकार ने उर्दू आबादी के बीच उर्दू पुस्तकालय के विकास और स्थापना में सहयोग करने का भरोसा दिलाया है. बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर ने मंगलवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्र में कहा कि सरवर साहब उर्दू के विकास और उसके हक के लिए बराबस संघर्ष करते रहे.

डॉ. गफूर मंगलवार को अशोक राजपथ स्थित उर्दू अकादमी में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. गुलाम सरवर की याद में आयोजित कार्यक्रम ‘तौसीई खुतबा के दौरान कहा कि गुलाम सरवर एक प्रखर वक्त, बेबाक पत्रकार और समाजवादी विचारक थे. उन्होंने कहा कि सरवर साहब ने उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं के बराबर के हिमायती थे. सरवर उर्दू और हिंदी को सगी बहन के तौर पर देखते थे. अल्पसंख्यक कल्याण मेंत्री ने इस अवसर पर उर्दू के प्रति घटते रुझान पर चिंता जताते हुए कहा कि उर्दू आबादी की नयी पीढ़ी ही उर्दू से किनारा कर रही है.
इस अवसर पर गफूर ने अकादमी की पत्रिका खबरनामा का विमोचन किया. इस कार्यक्र में अकादमी के सचिव मुश्ताक अहमद नूरी ने बताया कि 25 वर्षों के बाद फिर से अकादमी की पत्रिका का शुरू होना खुशी की बात है। कार्यक्रम में उर्दू परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष शफी मशहदी, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो इश्तियाक अहमद ने भी अपने विचार रखे और उर्दू के विकास पर अपने सुझाव दिये.
गौरतलब है कि गुलाम सरवर की जयंती का आयोजन राजद के राज्य कार्यालय में भी आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री सूर्यदेव राय ने की.