रक्षाबंधन का यह त्योहार बिहार की राजनीति के लिए खास हो गया। बिहार की सत्ता पर करीब साढ़े आठ साल तक राज करने वाले नीतीश कुमार को स्थायी मकान मिल गया। बिहार में राजद-जदयू गठबंधन के साथ दोनों दलों के नेताओं का मकान भी आसपास हो गया। दोनों के डाक पते में सिर्फ अंको अंतर रह गया है। 10 सर्कुलर रोड में लालू यादव रहते हैं और 7 सर्कुलर रोड में नीतीश कुमार। दोनों मकानों में दूरी सिर्फ कुछ दीवारों की रह गयी है। अब दोनों जीत का जश्न और हार का चीत्कार आसानी से सुन सकेंगे।
वीरेंद्र यादव
नीतीश कुमार का आज नये मकान में गृह प्रवेश हुआ। यह मकान सर्कुलर रोड (कौटिल्य मार्ग) का बंगला नंबर सात है। करीब तीन माह के रंग-रोगन के बाद मकान की साज-सज्जा और सुरक्षा व्यवस्था को नया स्वरूप प्रदान किया गया। इस मौके पर नीतीश कुमार ने बोधिवृक्ष का पौधारोपण कर गृहप्रवेश की औपचारिकता पूरी की। इस दौरान भिक्षुओं ने मंत्र पढ़ा और पूर्व मुख्यमंत्री ने जड़ में मिट्टी और पानी डालकर इस प्रक्रिया को पूरा किया। इस मौके पर नीतीश कुमार ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि भगवान बुद्ध का शांति संदेश आज मानवता के लिए आवश्यक हो गया। बोधिवृक्ष शांति का प्रतीक है। पर्यावरण के लिए भी पीपल का पेड़ लाभकारी होता है। इससे पर्यावरण का संरक्षण भी होता है।
गृहप्रवेश का कार्यक्रम एक राजनीतिक आयोजन भी बन गया। यहां पहुंचे लोगों को नास्ते में जलेबी-कचौड़ी से स्वागत किया गया। रक्षाबंधन पर मिठाई तो होगी ही। रक्षाबंधन बंधन की मिठाई से मुंह मीठा कर नीतीश कुमार सोमवार से उपचुनाव के लिए दौरों पर जा रहे हैं। यह यात्रा सड़क मार्ग से ही होगी। उनको भरोसा है कि गठबंधन बनने के बाद बिहार का सामाजिक समीकरण भी बदला है और वोटों का गणित भी नया आकार ले रहा है। इसका लाभ राजद-जदयू-कांग्रेस उम्मीदवारों को होगा। गृहप्रवेश के मौके पर सांसद आरसीपी सिंह, मंत्री ललन सिंह, श्याम रजक, विधान पार्षद ललन सर्राफ, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष अशर समेत बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।