पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय जवान-जय किसान के नारे में जय विज्ञान जोड़ा था लेकिन नये बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में हमें अभी और इंतजार करना पड़ेगा.
2017-18 के बजट में आशा के अनुरूप वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जवानों (रक्षा) के बजट में 6.2 प्रतिशत का भारी इजाफा करते हुए दो लाख 74 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया. यह कुल बजट का 12.78 प्रतिशत है. भारत का कुल बजट आकार लगभग 21.5 लाख करोड़ का है.
रक्षा बजट में 6,2 का इजाफा वैसे तो उम्मीदों के अनुरूप ही है पर कुल बजट का लगभग 13 प्रतिशत रक्षा पर खर्च करने का सीधा असर शिक्षा, विज्ञान, स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर स्वाभाविक रूप से पड़ा है.
जहां तक किसानों( कृषि, गांव) की बात है तो अन्नदाताओं के लिए 1.87 लाख करोड़ का बजट , सरकार की कृषि प्राथमिकताओं को दर्शाती है. देश की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है और खेती किसानी की हालत लगातार खराब होती जा रही है.
इसी तरह आम जन से जुड़ा तीसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र शिक्षा का है. शिक्षा( विज्ञान समेत) पर कुल बजट 79 हजार करोड़ का रखा गया है. सवा सौ करोड़ की आवादी वाले इस देश में शिक्षा की हालत अब भी चिंता का करण बनी हुई है. निजी क्षेत्र में लगातार महंगी होती शिक्षा के इस दौर में शिक्षा बजट को और बढ़ाने की जरूरत महसूस की जाती है.लेकिन बजट के मौजूदा स्वरूप में शिक्षा बजट की अपनी चुनौतियां अब भी बरकरार हैं.