जस्टिस एच एल दत्ता पर यौन शोष का आरोप लगाने वाली महिला वकील निशा प्रिया की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है जिसमें उन्होंने दत्ता को अगला चीफ जस्टिस बनाये जाने पर रोक लगाने की मांग की.
अदालत की एक खंडपीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दी. बेंच का कहना है कि इस मामले में राष्ट्रपति के अप्रोवल के बाद अदालत इस मामले में किसी तरह का दखल नहीं दे सकती.
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महिला वकील निशा प्रिया भाटिया का आरोप है कि जस्टिस दत्ता ने कतित तौर पर उनका यौन शोषण किया था.
51 वर्षीय निशा प्रिया भाटिया फिलहाल वकालत के पेशे से जु़ड़ी है हालांकि वह रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग यानी रॉ की ऑफिसर रह चुकी हैं.
उन्हें कम्पलसरी रिटायरमेंट दे कर हटा दिया गया थ.
भाटिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार दत्ता को चीफ जस्टिस बनाने संबंदी अपनी सिफारिश वापस ले.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस जी रोहिनी और जस्टिस आरएस एंडला बुदवार को करेंगे.
भाटिया का कहना है कि उनके सात यौन दुर्व्यवहार किया गया है और इस ममले में उन्होंने अदालत में याचिका भी दायर की लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश की गयी. भाटिया ने अपनी ताजा याचिका में यह भी कहा कि उन्होंने यौन दुर्व्यवहार संबंदी शिकायत पुलिस और महिला आयोग में भी की.
भाटिया रॉ की 1987 बैच की ऑफिसर रही हैं लेकिन उन्हें 2009 में आवश्यक रिटायरमेंट दे दिया गया था. भाटिया काफी समय तक विवादों में रही हैं. उनके ऊपर रॉ के आफिसर्स ने मानसिक रूप से बीमार होने का भी आरोप लगाया ता