जाकिर नाइक मामले में सरकार और उसकी एजेंसियां जांच में जुटी हैं, नतीजा आना बाकी है पर आज तक न्यूज चैनल की इस बेशर्म कुतर्कों को पढ़ कर आप भी हैरान रह जायेंगे.
वसीम अकरम त्यागी
आज तक न्यूज़ चैनल पर अंजना ओम कश्यप चिल्ला चिल्ला के गला फाड़ रही थी कि ज़ाकिर नाईक के वेब लिंक हाफिज सईद के वेबसाइट जमात-उद-दावा पर पाये गए हैं और ज़ाकिर नाईक आतंकवादियों का समर्थन करते हैं |
अब आप लोग खुद अंदाज़ा लगा लीजिए कि मीडिया का एक वर्ग संघ के विचारों का किस प्रकार समर्थन करता है ,जो की अगर कोई रस्सी पकडे हुए है उसे सांप बताने पर तुली हुई है | अब इससे ज़्यादा मीडिआ का स्तर और क्या गिरेगा कि किसी इज़्ज़तदार शरीफ आदमी को जिसकी पूरी दुनिया में करोडो की संख्या में अनुयायी हैं और उसको भारतीय मीडिया का एक वर्ग बिना कोई ठोस सबूत के बिना कोई ठोस तर्क के,बिना कोई न्यायिक जांच के अपने उलूल जुलूल तथ्यों के सहारे बदनाम करने पर तुला हुआ है और उस शख्स को आतंकवाद का समर्थक बता रहा है जिसने कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया |
आज तक का कुतर्क
अब मैं श्रीमती अंजना ओम कश्यप के तर्क पर आता हूँ जिसपर उन्होंने अपने आज तक चैनल पर करीब 30 मिनट तक की फ़ालतू की बहस करा डाली जिसका कोई आधार ही नहीं बनता था |
उदहारण के तौर पर अगर मेरे फेसबुक पर कोई पोस्ट किसी को अच्छा लगता है तो वो शख्स मेरे पोस्ट का लिंक कॉपी कर अपनी वाल पर डाल ले और पोस्ट कर दे और कल को वो शख्स किसी का खून कर दे तो दोषी कौन हुआ वो शख्स या मैं ,और मैं तो खुद इस बात से अंजान रहूंगा कि कौन मेरी आई डी पर आया और उसने क्या कॉपी किया और कहाँ जा के पेस्ट किया इस सबकी जानकारी तो मैं लगा नहीं पाउँगा |
‘आजतक’ वालो, इस सवाल का क्या जवाब है आपके पास?
अब दूसरा उदहारण देता हूँ कल को कोई आतंकी संगठन आज तक की वेबसाइट से कोई लिंक ले के अपने पेज या वेबसाइट पर डाल दे अपने लोगों को दिखाने के लिए हां यही न्यूज़ चैनल है जो भारत में सबसे अधिक देखा जाता है और इससे हमें भारत की अधिक अधिक से ख़बरों की जानकारी मिल सकती है और फिर वही आतंकी संगठन आपकी खबरों के अनुसार भारत में हमला कर दे और फिर बाद में जांच में पता चले कि इस आतंकी संगठन की वेबसाइट को चेक करने पर वहां आज तक न्यूज़ के लिंक मिले तो क्या मैं आज तक चैनल को आतंकियों का खबर देना वाला चैनल कह के प्रचारित करूंगा?
जिस प्रकार कुछ मीडिया वाले ज़ाकिर नाईक के मुद्दे को लेकर देश में एक धर्म या समुदाय के खिलाफ माहौल बना रहे हैं हैं अगर कोई ढंग का पढ़ा लिखा व्यक्ति होगा तो वो इनके मंसूबों को तुरंत पकड़ लेगा और सवाल करेगा कि तुमको किसने अधिकार दिया किसी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति को बिना न्यायिक जांच के आतंकवाद और आतंकवादियों का समर्थक बता के उसके चरित्र हनन का ??
अब एक बात और कहता हूँ ध्यान से सुन लेना सभी सरकारी न्यूज़ चैनल वालों तुमने जितनी ज़ाकिर नाईक की छवि को धूमिल किया है भारतीय जनता की नज़र में अगर उनके खिलाफ एक भी आतंकवाद के सबूत नहीं मिले तो क्या तुममे इतना साहस है कि तुम दुनिया के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक जिनका नाम ज़ाकिर नाईक है उनसे सार्वजानिक तौर पर माफी मांगो?
वाया फेसबुक