शिक्षा के बगैर मनुष्य जानवर से बदतर होता है। शिक्षा ही हमें सही गलत का पता चलता है, आज शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य है। शिक्षा केवल किताबी क्रीड़ा नहीं है। शिक्षित होने का मतलब है कि मैं अपने साथ-साथ अपने आस-पड़ोस समाज को भी शिक्षित करूं। उक्त वाते जदयू विधायक श्याम रजक ने माईनोरिटी एजुकेशन प्रोग्राम के एक कार्यक्रम में कही।DSCF8535 (2)

 

महंगी होती शिक्षा व्यवस्था में कई बच्चे पढ़ाई के प्रति लगन होने के बावजूद आर्थिक समस्या (पैसे की वजह) को लेकर अपनी पढ़ाई सही ढंग से पूरी नहीं कर पाते और आगे चलकर वह जिंदगी में पिछड़ जाते हैं। इस वजह से उनका सपना-सपना ही रह जाता है।

माईनोरिटी एजुकेशन प्रोग्राम के तहत 300 बच्चों को फ्री शिक्षा

मार्गदर्शन के अभाव में उन्हें सही रास्ता नहीं मिलता है और न ही वह किसी प्रतियोगिता में ही सफल हो पाते हैं। वैसे छात्र-छात्राओं को मेप (माईनोरिटी एजुकेशन प्रोग्राम) संस्थान ने निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का संकल्प लिया है और शिक्षा दे रही है। ताकि मेधावी बच्चे की पढ़ाई में आर्थिक समस्या बाधा न बने। उनके सपनों को पंख लगे, अच्छे अंकों के साथ अपनी हर जगह एक अलग पहचान बना सकें। आज अगर सीबीएसई बोर्ड से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से बिहार बोर्ड की बच्चों से तुलना की जाये तो बिहार बोर्ड के बच्चे उनसे काफी पीछे रहते हैं।

 

इस असमानता को दूर करने के लिए माइनोरिटी एजुकेशन प्रोग्राम के तत्वावधान में फुलवारीशरीफ स्थापना दिवस के मौके पर शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयेजन किया। वहीं शिक्षाविद डाॅ. अनिल सुलभ ने कहा कि तालीम जीवन में बहुत जरूरी है। जो भी तालीम नहीं लेता है वह समाज, परिवार, मूलक पर बोझ है। पढ़ाई करके ही इस बोझ से बच सकते हैं। तथा दूसरों को भी शिक्षित करते हैं। माइनोरिटी शिक्षा के मामले में अभी भी काफी पीछे है। उन्हें जागरूक करके आगे लाना होगा।

माईनोरिटी एजुकेशन प्रोग्राम के निदेशक एम. रेयाज अख्तर ने कहा की समाज में शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक होना चाहिए। हमारी संस्थान में ऐसी कई योजनाएं चलाए जा रहे है जिसके माध्यम से गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं। इस संस्थान के फाउंडर एम. फिरोज अख्तर ने बताया कि महंगी होती शिक्षा व्यवस्था में कई बच्चे पढ़ाई के प्रति लगन होने के बावजूद आर्थिक समस्या को लेकर अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।

 

इस वजह से उनका सपना पूरा नहीं होता है। माईनोरिटी एजुकेशन प्रोग्राम ने ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क शिक्षा देने का संकल्प लिया है। इस समय 350 छात्र-छात्राओं को यह सुविधा दी जा रही है। अगले साल इससे ज्यादा छात्र-छात्राओं को ऐसी सुविधाएं देने की योजना बनाई जा रही है।

By Editor

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