राजद अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े को सार्वजनिक नहीं करने पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए इसे देश के 85 आबादी के साथ विश्वासघात करार दिया है।
श्री यादव ने ट्वीटर पर अपनी पोस्ट पर लिखा है कि जाति आधारित जनगणना के आँकड़े सार्वजनिक नहीं करके सरकार ने देश के 85 प्रतिशत लोगों के साथ विश्वासघात किया है, सरकार सच्चाई को सामने क्यों नहीं लाना चाहती है। उन्होंने चुनौती देते हुए कि इनको (केन्द्र सरकार) डर है कि जातिगत आधारित जनगणना से जैसे ही यह तथ्य उभर कर आएगा कि किस प्रकार महज 10-15 प्रतिशत आबादी देश के 90 फीसदी संसाधनों पर कुंडली मारे बैठी है, तूफान आ जाएगा।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि सही आंकड़ों के सार्वजनिक होने से वंचित तबका ज्यादा अधिकारों की मांग करना शुरू कर देगा, इसलिए उपेक्षितों को दबाने के लिए भाजपा इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहती। उन्होंने जातिगत आंकड़े से समाज के बंटने की आशंका को निराधार बताया और कहा कि इससे सरकार की नीतियों को सही ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब धर्म/भाषा के आधार पर गणना हो रही है तो फिर जाति के आंकड़े बताने से परेहज क्यों? मोदी सरकार का दलित और पिछड़ा विरोधी चेहरा सामने आ गया है।