पटना के पीएमसीएच में एक जख्मी को भर्ती कराने वाले कहां और क्यों ला पता हो गये न तो पीएमसीएच के अधिकारियों को पता है न पुलिस को लेकिन हैरत है कि इस मामले में कथित पूर्व कुलपति का क्या रोल था?
विनायक विजेता
रविवार को दोपहर लगभग बारह बजे कुछ अज्ञात लोग एक गाड़ी से 42 वर्षीय जनार्दन सिंह को मुर्छित अवस्था में पीएमसीएच के इमरजेंसी में दाखिल कराने पहुंचे। जैसे ही जनार्दन सिंह को इलाज के लिए आईसीयू में लाया गया उन्हें वहां ले जाने वाले लोग फरार हो गए।
बाद में चिकित्सकों ने जनार्दन सिंह को अस्पताल में लाने के पूर्व ही मृत घोषित करते हुए उनके परिजनों और उन्हें लाने वालों की खोज की तो कोई नहीं मिले। यहा तक कि पीएमसीएच में नए मरीजों की एंट्री रजिस्टर में भी उनके नाम की कोई इंट्री नहीं थी। इसके बाद पीएमसीएच प्रशासन ने जनार्दन सिंह की लाश को अज्ञात घोषित कर उसे बाहर रखवा दिया। शास्त्री नगर थाना के पटेलनगर स्थित बाबा चौक निवासी जनार्दन सिेंह की इसी चौक के पास एसी रिपेयरिंग की दूकान है।
चक्कर क्या है
रविवार को दोपहर बाइ जब वो पास ही स्थित अपने घर खाना खाने नहीं पहुंचे तो उनकी 16 वर्षीय बेटी, 14 वर्षीय बेटा और पत्नी चिंतित हो उनके मोबाइल पर फोन किया पर उनके मोबाइले का स्वीच आफ आ रहा था। इसके बाद उनकी पत्नी ने पास में ही स्थित अपने भांजे रतीकांत को फोन किया। शाम का रतिकांत को किसी माध्यम से यह सूचना मिली की उसके मामा गंभीर स्थिति में पीएमसीएच में भर्ती हैं जहां आने पर उसे पता चला कि कुछ अज्ञात लोग उसके मामा को पीएमसीएच में मृत अवस्था में दाखिल करा फरार हो गए। जिनकी लाश को चिकित्सकों न लावारिश घोषित कर बाहर रखवा दिया।
रतिकांत के अनुसार उसके मामा जनार्दन सिंह को बाबा चौक के आगे स्थित केसरी नगर में रहने वाले एक कार्यपालक अभियंता रामबचन सिंह ने अपने घर का एसी ठीक करने को बुलाया था। इसके बाद उनका कोई पता नहीं चला बाद में उनकी लाश ही पीएमसीएच में लावारिश हालत में मिली। रतीकांत ने बताया कि जब वह और उनके परिजन पीएमसीएच पहुंचे उसके थेड़ी देर बाद ही अपने को मिथिला विश्वविद्यालय का पूर्व कुलपति बताने वाले एस पी सिंह नामक एक व्यक्ति पीएमसीएच पहुंचे और उसके मामा की करंट लगने से हुई मौत की जानकारी देते हुए खुद को रामवचन सिंह का रिश्तेदार बताते हुए मामले को पैचअप करने का दबाब डाला लेकिन जब परिजनों ने इसका विरोध किया तो खुद को पूर्व वीसी बताने वाले भी जनार्दन सिंह के परिजनों से नजर छिपाते हुए भाग निकले।
जनार्दन सिंह के परिजनों का आरोप है कि रामबचन सिंह का बेटा अपराधी और गुस्सैल प्रवृति का है कहीं उसने ही तो कोई अनहोनी नहीं कर दी हो पर इस मामले में परिजनों की शिकायत के बावजूद पुलिस ने अबतक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है और न ही लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्ग में रखने का कोई सुरक्षित उपाय किया जा रहा है।
जबकि पीरबहोर थाने की पुलिस इस मामले की पूछताछ के लिए पीएमसीएच भी गई थी। इस संदर्भ में पूछे जाने पर सीनियर एसपी मनु महाराज व टाऊन डीएसपी बलराम चौधरी ने रविवार रात 9 बजे बताया कि उन्हें अब तक इस तरह की कोई घटना की जानकारी नहीं थी। दोनों अधिकारियों ने कहा कि वो पीरबहोर और शासत्रीनगर थाने को मामले की जांच का आदेश दे रहे हैं।